उत्तर प्रदेश

ताजमहल विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट की फटकार, कहा - पहले रिसर्च करो, तब आना कोर्ट, अर्जी खारिज

Sakshi
12 May 2022 11:06 AM GMT
ताजमहल विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट की फटकार, कहा - पहले रिसर्च करो, तब आना कोर्ट, अर्जी खारिज
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जस्टिस डीके उपाध्याय ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि PIL व्यवस्था का दुरुपयोग ना करें, इसका मजाक ना बनाएं।

धरती के 7 अजूबों में एक आगरा के ताजमहल (Tajmahal) के बंद कमरों को खोलने की याचिका (Taj Mahal Controversy) मामले पर हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि ताजमहल के बारे में रिसर्च करने के बाद ही याचिका डालें। कोर्ट ने याचिका डालने वाले अयोध्या बीजेपी नेता से कहा है कि पीआईएल को मजाक ना बनाएं। पहले पढ़ लें, ताजमहल कब और किसने बनवाया। कोर्ट अब 2 बजे इस याचिका पर फैसला सुनाएगी।

ताजमहल विवाद (Taj Mahal Controversy) को लेकर हाईकोर्ट का रुख सख्त रहा। जस्टिस डीके उपाध्याय ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि PIL व्यवस्था का दुरुपयोग ना करें। इसका मजाक ना बनाएं। ताजमहल किसने बनवाया पहले जाकर रिसर्च करो। यूनिवर्सिटी जाओ, PHD करो तब कोर्ट आना। रिसर्च से कोई रोके तब हमारे पास आना। अब इतिहास को आपके मुताबिक नहीं पढ़ाया जाएगा। कोर्ट ने लंच के बाद 2 बजे फैसला सुनाने की बात कही है।

बीजेपी के अयोध्या मीडिया प्रभारी डॉ. रजनीश सिंह ने कोर्ट में याचिका (Taj Mahal Controversy) दायर की है कि ताजमहल के 22 कमरों को खोला जाए। कमरों में बंद राज को दुनिया के सामने लाने के लिए इसे खोलने का अनुरोध किया गया है। पिछले दिनों अयोध्या के संत परमहंस ताजमहल में प्रवेश करने की कोशिश करते पाए गए। इस पूरे मामले ने अब माहौल को गरमा दिया है। ताजमहल या तेजो महालया, यह विवाद की नई जड़ बनता दिख रहा है। विश्व के सात अजूबों में से एक ताजमहल पर विवाद कोई नया नहीं है। मुगलों की ओर से देश में शासन के दौरान हिंदू धार्मिक स्थलों को निशाना बनाए जाने को पूरे विवाद का आधार माना जा रहा है।

याचिकाकर्ता रजनीश ने कहा कि हिंदू धर्म गुरु और हिंदू संगठन जहां ताजमहल स्थल (Taj Mahal Controversy) को भगवान शिव का मंदिर बताते हैं, वहीं मुस्लिम इसे इबादतगाह बता रहे हैं। इस विवाद को खत्म करने के लिए ही मैंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ताजमहल में बंद 22 कमरों को खोलने और इसकी वीडियोग्राफी कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कार्बन डाटा रिपोर्ट ताजमहल बनने के पहले क्या था? इसकी कुछ अलग ही तथ्य देती है। इससे मामले को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है।

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