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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो आईएएस अधिकारीयों को निलंबित करने के दिए आदेश, अधिकारीयों में हडकम्प
शिव कुमार मिश्र
14 Dec 2017 4:10 PM IST

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उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खनन के दो वर्ष पुराने मामले में सख्त रुख अपनाया है। रामपुर में तैनात रहे दो जिलाधिकारियों को निलंबित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई करने का आदेश हुआ है।
इनमें से एक आइएएस अफसर गोरखपुर के जिलाधिकारी राजीव रौतेला तथा दूसरे अफसर कानपुर देहात के जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह हैं। इन दोनों पर हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन न करने का आरोप है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले और न्यायमूर्ति एमके गुप्ता ने सात दिसंबर को दिए फैसले में राजीव रौतेला और राकेश कुमार के निलंबन के आदेश प्रदेश के मुख्य सचिव को दिए हैं। साथ ही मामले की पूरी जांच कराकर दोषी पाए जाने पर अन्य अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा है।
Allahabad High Court ordered the suspension of Gorakhpur DM Rajeev Rautela and Kanpur Dehat DM Rakesh Kumar Singh in connection with an illegal mining case. (file pic) pic.twitter.com/dAL2Vt7ZCI
— ANI UP (@ANINewsUP) December 14, 2017
हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि जिले में उस समय तैनात रहे सभी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की इस मामले में भूमिका की जांच कराई जाए। यदि वह दोषी हैं और सेवानिवृत्त (रिटायर) नहीं हुए हैं तो उन पर विभागीय व दंडात्मक कार्रवाई की जाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में हुई कार्रवाई की रिपोर्ट 16 जनवरी को मांगी है।
रामपुर जिले के दढिय़ाल निवासी मकसूद ने दो वर्ष पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर प्रशासन की शह पर अवैध खनन कराए जाने की शिकायत की थी। हाईकोर्ट ने 24 अगस्त 2015 को प्रशासन को कार्रवाई के आदेश दिए थे। याचिका में हुसैन क्रेशर के मालिक गुलाम हुसैन नन्हें पर कोसी नदी से अवैध खनन करने का आरोप लगाया था।
कोर्ट में शिकायत करने पर मकसूद पर हमला भी हुआ था। उस समय रामपुर के जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह थे। उन्होंने स्टोन क्रेशर पर कार्रवाई करते हुए सीज कर दिया था, लेकिन इनके बाद रामपुर में तैनात हुए जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने स्टोन क्रेशर का नवीनीकरण कर दिया। इससे क्षुब्ध होकर मकसूद फिर हाईकोर्ट पहुंचे और अवैध खनन जारी रहने का आरोप लगाते हुए प्रशासन पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। इस पर हाईकोर्ट ने वर्तमान जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी को तलब कर लिया। इस मामले में लगातार तीन दिन पांच से सात दिसंबर तक कोर्ट ने सुनवाई की।
कोर्ट ने कानपुर देहात के डीएम राकेश कुमार को भी सात दिसंबर को तलब किया। सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब अफसरों को फैसले की जानकारी नहीं हो सकी थी, लेकिन बुधवार को हाईकोर्ट का आदेश अपलोड होने पर इसकी जानकारी जिलाधिकारी को भी मिल गई।
जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने बताया कि हमने स्टोन क्रेशर पर कड़ी कार्रवाई की। साथ ही इसके संचालकों पर गैंगस्टर और गुंडा एक्ट भी लगाया। लेकिन, कोर्ट यहां जिलाधिकारी रहे राकेश कुमार सिंह और राजीव रौतेला की ओर से की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हुआ।
रामपुर में तैनात रहे अफसरों ने हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी करते हुए खनन मामले की हकीकत पर पर्दा डाला। याची ने कोर्ट को बताया कि दागी ठेकेदार को अवैध तरीके से स्टोरेज का लाइसेंस दिया गया। इस पर कोर्ट ने कहा कि जिसकी आड़ में अवैध खनन का धंधा पुलिस अधिकारियों के नाक के नीचे चलता रहा। प्रशासनिक अधिकािरयों ने भी इस ओर से आंखें बंद कर ली।
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