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इविवि कुलपति के इन तीन फैसलों से बदल जाएगी विश्वविद्यालय की तस्वीर
शशांक मिश्रा
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलूं ने पिछले 48 घंटों में विश्वविद्यालय और कॉलेजों के हित में तीन बड़े और ऐतिहासिक फैसले लिए। इन फैसलों के अमल में आते ही पूरे इलाहाबाद विश्वविद्यालय की तस्वीर बदल जाएगी। कुलपति के आते ही पूरा विश्वविद्यालय प्रशासन तेजी से हरकत में आ गया है।
बताते चलें कि 10 तारीख को कुलपति ने अपना कार्यालय संभाला और उसी दिन उन्होंने हॉलैंड हॉल की व्यवस्था में सुधार के लिए अंग्रेजी विभाग के वरिष्ठ प्रो. आर के सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई। छात्रसंघ चुनाव के बाद हॉलैंड हॉल हॉस्टल में तोड़फोड़ के कारण तनाव का माहौल बना हुआ था। कुलपति ने चार्ज संभालते ही इस मामले में अपनी सक्रियता दिखाई।
बीते कल कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू ने कॉलेजों की दशकों से लंबित मांग पर भी गंभीरता से विचार किया और यह तय किया गया कि प्रो. जगदंबा सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी 15 और 16 अक्टूबर को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सभी संघटक कॉलेजों का दौरा करेगी और अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंपेगी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो इलाहाबाद विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों में अगले कुछ दिनों में ही पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। कॉलेजों की यह मांग काफी समय से लंबित थी।
आज कुलपति ने तीसरा बड़ा फैसला लिया। जिसके अंतर्गत ईश्वर शरण पीजी कॉलेज में 5 वर्षीय एकीकृत विधि पाठ्यक्रम (five years integrated Law) को आरंभ करने की प्रक्रिया की स्वीकृति दे दी गयी।
इस प्रक्रिया के तहत दिनांक 22 अक्टूबर 2018 को प्रोफेसर आर.के चौबे के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक कमेटी ईश्वर सरन का निरीक्षण करेंगी और यह तय करेगी कि किस प्रकार महाविद्यालय में पंचवर्षीय विधि पाठ्यक्रम को आरंभ किया जाए।
ऐसा माना जा रहा है कि इन निर्णयों के काफी दूरगामी और सकारात्मक परिणाम होंगे । इस अवसर पर जनसंपर्क अधिकारी इविवि डॉ.चित्तरंजन कुमार ने कहा कि
"हम इलाहाबाद विश्वविद्यालय को उत्तर प्रदेश में शिक्षा का केंद्र बनाना चाहते हैं। अभी आने वाले दिनों में कई बड़ी परियोजनाएं कागजों से निकलकर जमीन पर दिखाई देंगी।हम विश्वविद्यालय में एक स्वस्थ शैक्षणिक माहौल की स्थापना के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।"