अमेठी

महिला सांसद ने कार्यकर्ता के सम्मान में तोड़ दिए कई बंधन, सांसद स्मृति के कंधे पर कार्यकर्ता सुरेंद्र की अर्थी! उबल पड़ी आँखें

Special Coverage News
28 May 2019 4:55 AM GMT
महिला सांसद ने कार्यकर्ता के सम्मान में तोड़ दिए कई बंधन, सांसद स्मृति के कंधे पर कार्यकर्ता सुरेंद्र की अर्थी! उबल पड़ी आँखें
x

कृष्ण कुमार द्विवेदी( राजू भैया)

अमेठी की नवनिर्वाचित भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने जब आज अपने समर्पित कार्यकर्ता दिवंगत सुरेंद्र सिंह की अर्थी को कंधा दिया तो हजारों आंखें उबल पानी ।फ़िलहाल अमेठी की स्मृतियों में ऐसी कोई स्मृति आज तक नजर नहीं आई। जबकि ईरानी ने कार्यकर्ता के सम्मान में कई मर्यादाओं के बंधनों को भी दरकिनार कर दिया।

अमेठी संसदीय क्षेत्र के ग्राम बरोलिया के पूर्व प्रधान एवं भाजपा कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह की बाइक सवार हत्यारों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद अमेठी क्षेत्र में खासकर बरौलिया गांव के आसपास तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया था। भाजपा कार्यकर्ता सुरेंद्र ने संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के लिए जमकर मेहनत की थी। भाजपा सांसद स्मृति ईरानी भी उन्हें अपने सेनापति के रूप में ही देखती थी ।दिवंगत सुरेंद्र सिंह ने ईरानी को जिताने के लिए अपना खूब पसीना बहाया था।

खबर के मिलने के बाद सुरेंद्र सिंह के गांव एवं घर में तो मातम का माहौल था ही अलबत्ता जब यह बात दिल्ली में भाजपा सांसद स्मृति ईरानी जानी तो वह भी गमगीन हो गई। स्मृति ईरानी आज बरौलिया गांव पहुंची और फिर उनकी आंखे ऐसे बरसी जैसे लगा कि शायद सुरेंद्र सिंह वास्तव में उनके अपने घर के थे। अपने वास्तविक कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि उनके भाई थे।उन्होंने घर के लोगों को खासकर महिलाओं को मृतक सुरेंद्र के बच्चों को सबको ढांढस बंधाया। आंसुओं का पारावाह इस तरह से समुंदर बन गया था कि स्मृति ईरानी भी अपने आंसुओं को नहीं रोक पा रही थी। ऐसे में जब अर्थी अंतिम संस्कार के लिए उठी एकाएक मौके का माहौल और भी भावनात्मक हो गया। स्मृति ईरानी ने कार्यकर्ता सम्मान को आगे रखते हुए सुरेंद्र की अर्थी को जब आगे बढ़ कन्धा दिया तो आंखों में आंसू का प्रवाह और भी बढ़ गया।

कुछ बुजुर्गों के मुंह से निकला अरे यह क्या !महिला को अर्थी को कांधा नहीं देना चाहिए? आवाज आयी सांसद हैं और नेता भी।यह अपने कार्यकर्ता के प्रति ऐसा सम्मान है जिसे किसी भी धार्मिक बंधनों में बांधा नहीं जा सकता ।लोगों ने कहा कि अमेठी की स्मृतियों में आज तक ऐसी कोई स्मृति नजर नहीं आई। जब किसी सांसद ने अपने कार्यकर्ता को इस तरह से अंतिम विदाई देने के लिए कंधा दिया हो? वह भी खासकर किसी महिला सांसद ने। जब ईरानी ने सुरेंद्र की अर्थी उठाकर अपने कदमों को आगे बढ़ाया तमाम कलेजे दहल उठे।

स्मृति ईरानी के द्वारा आज एक दिवंगत कार्यकर्ता के प्रति इस सम्मान को देखकर अमेठी वासियों ने यह खुलकर कहा अब लगा कि सांसद मिला है। लोगों का कहना था कि स्मृति चाहती तो वह 1 दिन बाद आ सकती थी। लेकिन वह सुरेंद्र जी के अंतिम संस्कार में पहुंची। उन्होंने हत्यारों को पकड़ने के लिए मुख्यमंत्री से वार्ता की। यही नहीं दुखी परिवार का संबल बढ़ाया तो भाजपा के कार्यकर्ताओं को भी यह संदेश दे दिया कि वह उनके सुख दुख में हमेशा उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर रहेंगी। कुछ स्वर दबे अंदाज में ऐसे भी सुने गए कि यह कार्यकर्ता का सम्मान था। लेकिन इसके साथ साथ प्रचार का एक रास्ता भी?

फिलहाल कुछ भी हो लेकिन यह बात तय है कि स्मृति ईरानी ने देश के तमाम जनप्रतिनिधियों को कार्यकर्ता एवं जनप्रतिनिधि के बीच के संबंधों का क्या सूत्र होता है ,क्या संबंध होता है उसे भी सिखाया है !तो वही अन्य महिला सांसदों को भी यह संदेश दिया है कि कार्यकर्ता सम्मान के लिए यदि धार्मिक एवं सामाजिक बंधनों को भी परे धकेलना पड़े तो इसमें कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। सही है स्मृति ईरानी का यह अंदाज अमेठी वासियों की स्मृति में हमेशा हमेशा यादगार बना रहेगा।

Tags
Special Coverage News

Special Coverage News

    Next Story