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अधिकारीयों की मेहनत से अमेठी कासगंज होते होते बचा, मुख्य आरोपी राजेश को गिरफ्तार कर ली राहत की सांस
उत्तर प्रदेश का अमेठी जिला हमेशा सुर्ख़ियों में बना रहता है. लेकिन उन सुर्ख़ियों से जिले की फिंजा पर कोई असर नहीं पड़ता है. लेकिन बीते दिनों यकायक जिले के जगदीशपुर कोतवाली में दिनदहाड़े गेंगवार से पूरे प्रदेश में हलचल मच गई . हलचल मचना स्वाभाविक था क्योंकि उसी से तीन पहले सूबे के जिले कासगंज में साम्प्रदायिक तानव बन चूका था. चूँकि यहाँ भी मरने वाला व्यक्ति विशेष समुदाय से था तो जिला प्रसाशन को भारी चुनौती स्वीकार करनी थी.
युवा पुलिस अधीक्षक कुंतल किशोर ने आनन फानन में तत्परता दिखाते हुए घटना के तुरंत बाद जगदीशपुर थाना अध्यक्ष को निलंबित कर दिया. इस मामले की जाँच जिले के अपर पुलिस अधीक्षक बीसी दुवे को सौंप दी. एएसपी बीसी दुवे इस तरह की जांच के मास्टर माइंड अधिकारी रह चुके है. उन्होंने तुरंत इस मामले की तह में जाते हुए दो शूटर मौके से घायलावस्था में गिरफ्तार किये और बाकी बचे तीन आरोपियों पर पुरस्कार घोषित करने की सलाह पुलिस अधीक्षक को दी. जिसके बाद फ्र्रार तीनों आरोपियों पर एसपी ने 25 25 हजार का इनाम घोषित कर दिया.
एएसपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अशफाक के शव को सुपर्दे खाक कराने की थी. अशफाक के जनाजे में भारी जन समूह उमड़ पड़ा, जिसे बड़ी जिम्मेदारी से निभाते हुए अपने सहयोगी अधिकारी अपर जिलाधिकारी और सीओ मुसाफिरखाना के साथ यह कार्यक्रम पूरा कराया.
उसके बाद एक और बड़ी चुनौती थी कि मुख्य आरोपी राजेश विकर्म सिंह को गिरफ्तार कैसे किया जाय ताकि घटना का पटाक्षेप हो सके. एएसपी बीसी दुवे ने यह चनौती भी स्वीकारी और पांचवे दिन इसको पूरा कर मुख्य आरोपी और गेंग सरगना राजेश को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी पर 25 हजार का इनाम घोषित है. जिसे गिरफ्तार करने वाली टीम को दिया जाएगा.
गिरफ्तार आरोपी और मृतक की अपराध हिस्ट्री