अमरोहा

प्रोफ़ेसर नाशिर नक़वी साहब की अदबी खिदमात: साहिल फारूकी अमरोहवी

Shiv Kumar Mishra
15 July 2023 7:41 AM GMT
प्रोफ़ेसर नाशिर नक़वी साहब की अदबी खिदमात: साहिल फारूकी अमरोहवी
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Literary service of Professor Nashir Naqvi Sahil Farooqui Amrohvi

अमरोहा वो मर्दुम खैज़ बस्ती है जहां हर दौर में हर मज़हब के लोगो ने इस शहर का नाम आलमी सतह पर रौशन किया है। यही वो शहर है जो हमेशा से गंगा जमुनी तहज़ीब का गहवारा रहा है। इसी शहर ने दुनिया को बेहतरीन शायर,नस्र निगार,मुसव्विर,खत्तात,मुजाहिद ए आज़ादी, और दीगर शोबों से मुताल्लिक़ बेहतरीन और अहम शख्सियात को जन्म दिया।आज भी यह सिलसिला जारी है आज भी यहां के लोग इस शहर का नाम दुनिया में रौशन कर रहे हैं।उन्ही में से एक गुल-ए-सर-सबद प्रोफ़ेसर सय्यद नाशिर हुसैन नकवी साहब हैं।

प्रोफेसर नाशिर हुसैन नकवी साहब 15 जुलाई 1956 को अमरोहा के सय्यद घराने में पैदा हुए।आपके वालिद सय्यद नाज़िर हुसैन नाज़िर मारूफ अदीब और शायर थे।आप हज़रत मोहम्मद ﷺ की 39वीं पुश्त हैं।आपका बचपन अमरोहा के अदबी माहौल में गुज़रा।उर्दू में एम०ए० फर्स्ट क्लास बरैली यूनिवर्सिटी से,जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से सहाफत,अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से दबीर-ए-काबिल और पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से पी०एच०डी० की डिग्रियां हासिल कीं।16 साल की उम्र से शायरी का आगाज़ हुआ जनाब मेहदी नज़मी के शागिर्द रहे।जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में मुलाज़मत की और दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के सेक्रेटरी रहे।हरियाणा उर्दू अकादमी के बानी एडिटर के तौर पर 1986 में दो मैगज़ीन "जमना तट" और "खबर नामा" शुरू की। बतौर को- ऑर्डिनेटर 2000 में एक इंटरनेशनल पर्शियन (फारसी) कॉन्फ्रेंस और 10 नेशनल उर्दू सेमिनार, मुशायरे और दीगर कल्चरल प्रोग्राम पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला में मुनअकिद किए।

बतौर वाइस चांसलर नॉमिनी आपने गुरु नानक देव यूनीवर्सिटी अमृतसर,पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ और पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के UG और PG के उर्दू निसाब को हुकूमत की आला तालिमी पॉलिसी को मद्दे नज़र रखते हुए दोबारा तरतीब दिया।

बतौर एडिटर और अनाउंसर आल इंडिया रेडियो( दिल्ली, नई दिल्ली,चंडीगढ़) और टी वी चैनल दूरदर्शन दिल्ली में काम किया। तक़रीबन दो हज़ार नेशनल और इंटरनेशनल मुशायरों में हिस्सा लिया।

किताबें:

1.तश्नगी (मुसद्दस) 1980

2.वसीला(सलाम) 1982

3. आफाकियत ( मर्सिया) 1984

4.लालाज़ार ए सुबह ( मर्सिया) 1987

5.अंगनाई (ग़ज़ल और नज़्म) 2009

6. दीदा वरी ( मर्सिया) 2005

7. बुर्ज ए शरफ (शायरी)2013

8.उर्दू पंजाब और सिख शोअरा (1999)

9.अदबी जाईज़े (2003)

10.पंजाब और उर्दू अफसाना(2004)

11.सदा ए सूफ़ी (2004)

12. कुल्लियात ए फैज़ (2011)

13.समाना और शहज़ादा ए इमाम (2008)

14.जियारतों का सफर (2010)

15.शाहमुखी लिपि और पाकिस्तानी अदब (2011)

16.अमरोहा की 10 आलमी शख्सियात

मैगज़ीन बतौर एडिटर:

1.खबरनामा 1986 से 1994

2.जमुना तट 1986 से 1994

3.सदा ए सूफ़ी 2007 से 2011

4. गंजशकर 2011 से

अवार्ड्स:

1.श्रोमाणी उर्दू साहित्यकार पंजाब गवर्नमेंट स्टेट अवार्ड(2008)

2.नेशनल उर्दू मर्सिया निगारी अवार्ड 2010 (ईरान कल्चर हाउस, नई दिल्ली)

3.मौला अली अवार्ड 2008(रेहान अकादमी,पाकिस्तान)

4.हुसैनी अवार्ड 2008 व 2010 (जश्ने हुसैन सोसाइटी, हरिद्वार)

5. हीरो साइकिल ग़ज़ल अवार्ड 1993

6.मीनार ए इल्म अवार्ड 2008 (साहस डिग्री कॉलेज नौगावा,अमरोहा)

और दीगर एजा़जा़त से नवाज़े जा चुके हैं और यह सिलसिला अभी तक जारी हैं।

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