बांदा

20 घंटे-40 जवान और सात टीमें, पर लापता लोगों का कोई सुराग नहीं, शॉर्टकट रास्ता बना मौत

Shiv Kumar Mishra
12 Aug 2022 8:10 AM GMT
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Banda Boat Accident live update: बांदा (Banda)जिले में उफनाई यमुना नदी (Yamunanadi) की बीच धारा में पतवार टूटने से यात्रियों से खचाखच भरी नाव पलटने पर लापता लोगों की तलाश दूसरे दिन भी जारी रही। उन्हें खोजने में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की सात टीमें लगी हैं। हालांकि 20 घंटे बीत जाने के बाद भी लापता नाव सवार नहीं मिले। वहीं फतेहपुर (Fatehpur) जिले के असोथर गांव में एक और शव मिलने की चर्चा है। लापता लोगों की सूची से उसकी पहचान कराई जा रही है।

मर्का थाना क्षेत्र के कस्बे से फतेहपुर जिले के असोथर गांव की तरफ जा रही नाव गुरुवार को दोपहर यमुना की बीच जलधारा में पलट गई थी। इस हादसे में 15 लोग बच निकले थे। एक मासूम सहित तीन शव मिले। प्रशासन के मुताबिक 17 लापता लोग शुक्रवार को दोपहर तक नहीं मिल सके। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के लगभग 40 जवान स्टीमर के जरिए उन्हें खोजने में जुटे हैं। जेनरेटर से हाई मास्क लाइटों का इस्तेमाल कर रातभर उनकी खोज की गई।

हालांकि कोई लापता यात्री हाथ नहीं लगा। लापता लोगों में कुछ की पहचान हो गई। इनमें सरकंडी (फतेहपुर) गांव निवासी झुल्लू (50), कुमेढ़ा (मरका) गांव की सीमा (45), निभौर गांव के बाबू (40) और उनकी पत्नी सीता (30) समेत 17 लोग शामिल हैं। उधर, ग्रामीणों ने बताया कि फतेहपुर जनपद सीमा पर असोथर गांव के नजदीक एक शव मिला है। उसकी शिनाख्त की कोशिश कराई जा रही है। हालांकि पुलिस ने अभी शव मिलने की पुष्टि नहीं की है।

शॉर्टकट रास्ता बन गया काल

15 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर और समय बचाने को लेकर शॉर्टकट रास्ता गुरुवार को काल साबित हुआ। क्षेत्रीय ग्रामीणों के मुताबिक औगासी घाट में यमुना नदी पर पुल बना है। आवागमन शुरू है, लेकिन मरका के औगासी घाट पुल के रास्ते असोथर गांव पहुंचने में लगभग 15 किलोमीटर का चक्कर पड़ता है। इसमें करीब पौन घंटा समय भी ज्यादा लगता है।

दूसरी तरफ मर्का से असोथर गांव तक यमुना नदी के रास्ते नाव के जरिए मात्र 600 मीटर की दूरी है। मात्र 20 मिनट में यह दूरी पूरी हो जाती है। यही शॉर्टकट रास्ता अपनाना भारी पड़ गया। नाविक इसका फायदा उठाकर मनमाने ढंग से नावों में लोगों को भरते और इस पार से उस पार उतारते रहे। घटना के बाद प्रशासन और पुलिस की नींद टूटी और बड़ी नावों के संचालन और यात्रियों के ढोने पर रोक लगाई। रक्षाबंधन पर्व के मौके पर इस घटना के लिए क्षेत्रीय बाशिंदे पूरी तरह प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

20 घंटे-40 जवान और सात टीमें, पर लापता लोगों का कोई सुराग नहीं, शॉर्टकट रास्ता बना काल

मर्का गांव के रहने वाले माया (30), महेश (6), संगीता (3), महेंद्र (2), उजिरिया (34), पिंटू (26), असोथर गांव निवासी करन (15), फुलुवा (48) व मुन्ना (30), फतेहगंज गांव निवासी जयचंद्र (19), समगरा गांव निवासी रामकरन (45), पीतांबर गांव निवासी प्रीति (22), फतेहपुर निवासी राजू (25), मुड़वारा गांव की गीता (36), कुमेढ़ा गांव की सीमा (45), निभौर गांव की सीता (30) आदि शामिल हैं।

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