बागपत

बागपत के एक किसान परिवार ने मनाई 'गाय' की तेरहवीं, भोज में शामिल हुए ग्रामीण

Shiv Kumar Mishra
6 Jun 2020 3:16 PM GMT
बागपत के एक किसान परिवार ने मनाई गाय की तेरहवीं, भोज में शामिल हुए ग्रामीण
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हालांकि देश में लॉकडाउन के कारण परिवार ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए लोगों को भोज कराया. जहां गुलाब जामुन, पूड़ी सब्जी तक बनवाई गई.

बागपत. उत्तर प्रदेश के बागपत में एक किसान परिवार में रविवार को गाय की तेरहवीं पर ब्रह्मभोज कराया. इस मौके पर यज्ञ का आयोजन करते हुए ग्रामीणों ने सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए भोज में शामिल हुए. बाकायदा रस्म तेहरवीं में लोगों ने शिरकत की और गाय की फोटो पर पुष्प अर्पित कर हवन पूजन किया. जिसके बाद लोगों ने भोज किया.

27 साल से गाय थी परिवार का हिस्सा

बागपत जनपद के दोघट क्षेत्र के दाहा गांव निवासी कृष्णपाल 1993 में अपने एक रिश्तेदार के यहां से एक बछिया को लेकर आए थे. जिसे वह एक बछिया कम और परिवार का सदस्य ज्यादा मानते थे. कृष्णपाल उसे प्यार से उसे राधा बुलाते थे. समय के साथ-साथ बछिया से राधा गाय बन गई और परिवार के साथ खुद भी एक सदस्य की तरह व्यवहार करती. लेकिन जैसे-जैसे समय बढ़ता रहा राधा गाय की उम्र भी बढ़ती चली गई. आखिरकार एक वक्त आया जब राधा गाय इस परिवार को छोड़कर चली गई.

लेकिन कृष्णपाल का परिवार राधा गाय को परिवार का सदस्य मानता था. तो इसी कारण सबने राधा की मौत के बाद उसकी तेरहवीं करने की इच्छा जताई. विधि विधान से बकायदा घर में हवन कराया गया और तेरहवीं का भोज भी हलवाई से बनवाया गया. गांव में न्योता दिया गया और लोगों को आमंत्रित भी किया गया. हालांकि देश में लॉकडाउन के कारण परिवार ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए लोगों को भोज कराया. जहां गुलाब जामुन, पूड़ी सब्जी तक बनवाई गई.

इस बाबत कृष्णपाल ने बताया कि राधा उनके लिए गाय नहीं बल्कि सदस्य थी. इससे पहले भी यह परिवार बेजुबान जानवरों के लिए अपना यही प्यार दिखा चुके है. गाय के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए ग्रामीणों को ब्रह्मभोज कराया. ग्रामीणों को मास्क बांटे गए. बता दें कि इस किसान परिवार में वर्ष 2006 में बैल की तेरहवीं भी की थी.

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