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'मैं इलाहाबाद हूं, 444 साल बाद फिर से कहलाऊंगा प्रयागराज.

Special Coverage News
17 Oct 2018 7:40 AM GMT
मैं इलाहाबाद हूं, 444 साल बाद फिर से कहलाऊंगा प्रयागराज.
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स्वपनिल द्विवेदी

मैं इलाहाबाद हूं. गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की वजह से मैं प्रयागराज भी कहलाता हूं. रामचरित मानस जैसे पौराणिक ग्रंथों में भी मेरा जिक्र है. तब राजाओं-महाराजाओं का अभिषेक संगम के ही जल से हुआ करता था. आज से 444 साल पहले 1574 में मुगल बादशाह अकबर ने यहां अपना नगर बसाया और मेरा नाम इलाहाबाद रख दिया गया. तब से लेकर आज तक मैं इलाहाबाद के नाम से ही जाना जाता हूं. इसका जिक्र अकबरनामा और आईने अकबरी में भी है.


आजादी की लड़ाई से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के पठन-पाठन का मुख्य केंद्र रहा हूं मैं. हिंदी के कई सहित्यकार मेरे सामने ही पैदा हुए और बुलंदियों पर पहुंचे. सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का भी जन्म मेरे ही आंगन में हुआ. विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला कुंभ भी मेरे ही सरजमीं पर लगता है. लेकिन एक बार फिर मैं प्रयागराज होने जा रहा हूं. 2019 का कुंभ भी इलाहाबाद नहीं प्रयागराज में ही होगा.

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