बिजनौर

अलका लाहौटी ने चंपत राय से कहा, मेरे सभी आरोप सिद्ध हो गए!

Shiv Kumar Mishra
4 July 2021 11:14 AM GMT
अलका लाहौटी ने चंपत राय से कहा, मेरे सभी आरोप सिद्ध हो गए!
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बड़े भाई सदा छोटी बहनों की रक्षा करते आए हैं। मेरा कोई सगा भाई नहीं है। आपने हमेशा मुझे गले लगाकर छोटी बहन मानकर प्यार व सम्मान दिया है। फिर मुझे ये मानसिक पीड़ा क्यों दे रहे हैं ?

अल्का लाहोटी ने चंपत राय को पत्र लिखकर बताया है, "2 जुलाई 2021 के अमर उजाला में दिये अपने ही बयानों से कैसे फँस गये मेरे विरोधी?" उन्होंने लिखा है, "श्री कृष्ण गौशाला की सोसाइटी की अध्यक्षता का दावा करने वाले संतोष कुमार अग्रवाल ने उस संवाददाता से यह तथ्य छिपाया कि उसने और आपके दिवंगत चचेरे भाई कृष्ण कुमार अग्रवाल ने ज़मीन हड़पने के उद्देश्य से इस गौशाला के नाम से ही मिलते जुलते नाम से एक नयी श्री कृष्ण गौशाला नगीना सॉसाययटी का फ़र्ज़ी पंजीकरण 1988 में ही करवा लिया था। जिसमें कृष्ण कुमार अग्रवाल तात्कालिक मंत्री थे और इस नवीन संस्था के अध्यक्ष संतोष कुमार अग्रवाल थे। इन दोनों के उक्त फ़र्जीवाड़े का पंजीकरण पत्रावली संख्या 926 तारीख़ 12.9.1988 का है। बाद में इनकी शिकायत मिलने पर सहायक रजिस्ट्रार , मुरादाबाद ने सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1860 की धारा 12 (घ) के अंतर्गत अपने आदेश संख्या 237 , दिनांक 07/05/1997 को इनके द्वारा पंजीकृत की गयी फ़र्ज़ी सोसायटी के पंजीकरण को निरस्त कर दिया था।"

उन्होंने आगे लिखा है, "बड़े भाई सदा छोटी बहनों की रक्षा करते आए हैं। मेरा कोई सगा भाई नहीं है। आपने हमेशा मुझे गले लगाकर छोटी बहन मानकर प्यार व सम्मान दिया है। फिर मुझे ये मानसिक पीड़ा क्यों दे रहे हैं?

"आप तो मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम की सेवा में लगे हैं फिर आप अपनी बहन पर ये अन्याय क्यों होने दे रहे हैं? जबकि यह मेरे स्वार्थ का काम नहीं है, मैं अपना परिवार इंडोनेशिया में छोड़ कर भारत आकर गौवंश की सेवा जैसे पुण्य परमार्थ का कार्य कर रही हूँ। गौवंश की भूमि पर क़ब्ज़ा कोई हिंदू कैसे बर्दाश्त कर सकता है? फिर आप तो विश्व हिंदू परिषद के अंतराष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। आपको अब इस विवाद को तुरंत सुलझाना ही होगा। सुलझाएँगे न?" पूरा पत्र इस प्रकार है,

माननीय श्री चम्पत राय बंसल जी

महासचिव

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र

अयोध्या

आदरणीय भैय्या !

जय गौ माता !

पिछले तीन हफ़्तों से श्री कृष्ण गौशाला ( नगीना ) को लेकर जो विवाद देश भर में उठा है, वो न उठता यदि आपने अपनी छोटी बहन की याचना पर ध्यान दिया होता, जो मैं कई बरसों से आपसे कर रही हूँ कि अपने कुटुम्बियों पर दबाव डालकर गोवंश के हित में उनका अवैध क़ब्ज़ा गौशाला पर से हटवा दीजिये। पर आपने कभी परवाह नहीं की।

2 जुलाई 2021 के अमर उजाला में दिये अपने ही बयानों से कैसे फँस गये मेरे विरोधी? इससे मेरे सभी आरोप सिद्ध हो गए ;

1. उन्होंने माना कि संतोष कुमार अग्रवाल ने गौशाला की एक चौथाई ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़ा करके अपना निजी कॉलेज बनाया है।

2. उन्होंने भी माना कि आप ने कॉलेज की मान्यता के लिए रोहेलखंड विश्वविद्यालय से लिखित सिफ़ारिश की थी । ये बात आपने स्वयं ही दिल्ली के छतरपुर में हुए 'भारतीय गोवंश रक्षण समवर्धन परिषद' द्वारा आयोजित अखिल भारतीय गौभक्त महिला सम्मेलन में सितम्बर 16, 2017 को सबके सामने मुझसे कही थी।

3. उन्होंने माना कि मेरे पिता जी ने 1953 में इस गौशाला की स्थापना और जीवन पर्यंत निष्काम सेवा जन सहयोग से की थी।

अब अमर उजाला की इसी खबर में उनके ताज़ा फ़ैसलों की जो भ्रामक जानकारी दी गयी है उसका सच भी जानिये, जो आपको तो पहले से ही पता है।

4. श्री कृष्ण गौशाला की सॉसायटी की अध्यक्षता का दावा करने वाले संतोष कुमार अग्रवाल ने उस संवाददाता से यह तथ्य छिपाया कि उसने और आपके दिवंगत चचेरे भाई कृष्ण कुमार अग्रवाल ने ज़मीन हड़पने के उद्देश्य से इस गौशाला के नाम से ही मिलते जुलते नाम से एक नयी श्री कृष्ण गौशाला नगीना सॉसाययटी का फ़र्ज़ी पंजीकरण 1988 में ही करवा लिया था। जिसमें कृष्ण कुमार अग्रवाल तात्कालिक मंत्री थे और इस नवीन संस्था के अध्यक्ष संतोष कुमार अग्रवाल थे। इन दोनों के उक्त फ़र्जीवाड़े का पंजीकरण पत्रावली संख्या 926 तारीख़ 12. 9. 1988 का है। बाद में इनकी शिकायत मिलने पर सहायक रजिस्ट्रार, मुरादाबाद, ने सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1860 की धारा 12 (घ) के अंतर्गत अपने आदेश संख्या 237, दिनांक 07/05/1997 को इनके द्वारा पंजीकृत की गयी फ़र्ज़ी सोसायटी के पंजीकरण को निरस्त कर दिया था।

5. पंजीकरण निरस्त होने के बाद भी इन अग्रवाल बंधुओं ने आपके नाम का दुरुपयोग करके राजनीतिक व आर्थिक प्रभाव के दबाव में , गौशाला की ज़मीन पर यह महाविद्यालय खड़ा कर लगातार असंवैधानिक व अवैध कृत्यों द्वारा गौशाला व गौ वंश की हानि करते रहे । जिसे मेरी शिकायत पर ज़िला प्रशासन की जाँच ने और एग्ज़ेक्युटिव काउन्सिल की समिति , रूहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली की जाँच के बाद अवैध माना गया है।

6. इस खबर में इन लोगों ने मुझ पर अनियमितताओं के जो तमाम अनर्गल आरोप लगाएँ हैं , वो बेबुनियाद हैं। क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय के कई फ़ैसलों के अनुसार ये 'आफ़्टर थॉट' हैं। जिनको मान्यता नहीं मिलती है। जो मेरे इस मामले को उठाने के बाद , मुझे उलझाने और बदनाम करने के उद्देश्य से , मनगढ़ंत तरीक़े से लगाये गये हैं।क्योंकि इस विवाद के ऊठने से पहले उन लोगों ने क़भी इन विषयों को नहीं उठाया था। न ही मुझे पहले कोई लिखित नोटिस दिया था या मेरे विरूद्ध कोई कारवाई की थी। बल्कि उन्होंने और आपने भी आज तक मेरी विनम्र गौसेवा का यशगान व सम्मान ही किया था।

बड़े भाई सदा छोटी बहनों की रक्षा करते आए हैं। मेरा कोई सगा भाई नहीं है। आपने हमेशा मुझे गले लगाकर छोटी बहन मानकर प्यार व सम्मान दिया है। फिर मुझे ये मानसिक पीड़ा क्यों दे रहे हैं ?

आप तो मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम की सेवा में लगे हैं फिर आप अपनी बहन पर ये अन्याय क्यों होने दे रहे हैं ? जबकि यह मेरे स्वार्थ का काम नहीं है, मैं अपना परिवार इंडोनेशिया में छोड़ कर भारत आकर गौवंश की सेवा जैसे पुण्य परमार्थ का कार्य कर रही हूँ । गौवंश की भूमि पर क़ब्ज़ा कोई हिंदू कैसे बर्दाश्त कर सकता है ? फिर आप तो विश्व हिंदू परिषद के अंतराष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। आपको अब इस विवाद को तुरंत सुलझाना ही होगा। सुलझाएँगे न ?

जय गौ माता !

आपकी छोटी बहन

अलका लाहोटी

नगीना (बिजनौर)

4 जुलाई 2021

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