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- किसान हुआ बरबाद, धान...
किसान हुआ बरबाद, धान की फसल में नहीं बना बाली में धान
फैसल खान
बिजनौर: एक तरफ जहाँ प्रदेश में अन्नदाता कहे जाने वाले किसान पर आय दिन अत्याचार हो रहे है तो वही किसान अपनी फसल और फसलों के दामों को लेकर भी अधिक परेशान है.
आज हम आपको ऐसी खबर से बाख़बर कराएँगे जिसे देखकर आपकी आँखों में आंसू आ जायेंगे. दरअसल मामला बिजनौर के मण्डावर थाना छेत्र के खिरनी गांव का जहां पर एक मजबूर किसान ने मीडिआ से अपना दर्द बयां किया है. आपको बता दे की खिरनी गांव के एक किसान ने सरकारी बीज भण्डार से धान का बीज खरीदा जिसमे दुकान स्वामी ने एक बीघा जमीन में 7 कुंटल धान होने का आश्वासन दिया. उसके बाद किसान ने बड़े ही शोक से अपने 30 बीघा खेत में लगे हर पौधे को बड़े ही दिलो जान से सींचा मगर फसल आने के टाइम पोधो पर फल ही नहीं आया.
उधर फसल को देखकर किसान के होश उड गए और अपनी आँख में आंसू लिए खेत पर ही बैठ गया बताते चले की किसान के घर सुचना मिलते ही परिवार में मातम सा छा गया उधर किसान शिकायत करने बीज भंडार पंहुचा मगर दुकान स्वामी ने पल्ला झड़ते हुए खेत को देखने की बात कही आप तश्वीरो में देख सकते हो. किस तरह से हरे भरे खेत में लगी फसल से किसान को लाखो का नुकसान हो गया उधर जब कृषि अधिकारियो से बात की तो उन्होंने भी जाँच कर किसान को उचित मुआवजे की बात कही.
सोने की चिड़िया कहे जाने वाले हमारे भारत देश में ये दुर्भाग्यपूर्ण बात है की जमीन की छाती फाड़कर किसान अपने परिवार के साथ पूरे भारत सहित अन्य देशो में अनेक वियक्तियो का पेट भरता है. मगर किसान को ही कोई महत्व नहीं देता सत्ता बदली सरकार बदली मगर किसान वही का वही आज भी अपनी फसल के उचित दामों की लड़ाई लड़ रहा है. अब देखना ये होगा की सरकार किसान को किस रूप में मदत करती है ये थी बिजनौर की जमीनी हक़ीक़त.