बिजनौर

बिजनौर : 12 दिन से अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे हैं किसान, 22 किसानो की अचानक बिगड़ी तबियत

Arun Mishra
18 Oct 2018 11:51 AM GMT
बिजनौर : 12 दिन से अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे हैं किसान, 22  किसानो की अचानक बिगड़ी तबियत
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खेतिहर जमीन का मालिकाना हक दिलाने की मांग को लेकर भाकिउ कार्यकर्ता और किसान धामपुर तहसील में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

नितिन द्विवेदी

बिजनौर : खेतिहर जमीन का मालिकाना हक दिलाने की मांग को लेकर भाकिउ कार्यकर्ता और किसान धामपुर तहसील में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की माग है कि उनकी जमीन का मालिकाना हक़ दिया जाये वर्ना हम यहाँ से नहीं हटेंगे चाहे प्रशासन हमें गोली मार दे।

दरअसल, पूरा मामला ये है कि अफजलगढ़ के किसान को उनकी खेती का मालिकाना हक़ नहीं मिला है जबकि किसान पिछले 70 साल से वहीं रहकर खेती कर रहे हैं और आजतक इसकी खतौनी इन्हे नहीं मिली है। भाकिउ कारकार्ताओ ने इस समस्या का निदान दिलाने के लिए 15 अक्टूबर को महापंचायत का आयोजन किया था पर पंचायत से कोई निष्कर्ष नहीं निकला जिसे लेकर किसानो में जबरजस्त उबाल है।

पिछले 12 दिनों से आंदोलन पर बैठे किसानों की हालत बिगड़नी शुरू हो गयी है कल 22 किसानों की तबियत अचानक बिगड़ गई। किसानों का कहना है की सिर्फ हल्की दवा देकर खाना पूर्ति कर दी हमें अभी शासन की तरफ से कोई सुनवाई नजर नहीं आ रही है। हमारे दो बैल मर गए बाकी जानवरो की हालत बिगड़ रही है फिर भी हम यहाँ से हटेंगे नहीं चाहे हमें कुछ महीने या साल क्यों न लगे या शासन चाहे गोली मार दे हम यहाँ से हटने वाले नहीं है।




हमने अपनी मांगे शासन को बता दी है लेकिन अभी कोई हल नहीं निकला है। 22 तारीख को बड़े आंदोलन की चेतावनी किसानो ने दी है साथ ही ये भी कहा है की इस सरकार में किसानो का कुछ भला नहीं हो रहा है सिर्फ खानापूर्ति हो रही है।


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