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- यूपी के बिजनौर में तीन...
यूपी के बिजनौर में तीन दिन से नहीं बना घर में खाना, माँ ने दो बेटियों समेत खाया जहर, मेक इन इंडिया का एक और परिणाम!
फैसल खान
बिजनौर ब्रहस्पतिवार 13 सितंबर को नहटौर में तंगहाली से परेशान महिला ने दो बच्चियों सहित जहर खा लिया। जिससे महिला समेत एक बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई जबकि एक बच्ची अभी जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रही है।
सरकार के गरीबी हटाओ के नारे मात्र स्लोगन और पोस्टर तक सीमित रह गए हैं। जबकि हकीकत इसके उलट है। आज भी गरीब लोग 2 जून की रोटी न मिल पाने के कारण ज़हर खाकर ताउम्र की नींद सोने को मजबूर हैं। ऐसे ही एक ताज़े मामले के अनुसार बिजनौर के नहटौर के गांव बैरम नगर का है। जहां एक कुसुम नाम की महिला रोजमर्रा की परेशानी और तंगहाली से परेशान थी।
घर की परेशानी से आए दिन का झगड़ा भी रहता था। लोगों की माने तो महिला के पास पिछले 3 दिन से खाने को आटा भी नहीं था। लेकिन महिला काफी खुद्दार बताई जाती है और उसने अपनी परेशानी किसी से बताना गवारा नहीं किया। महिला के 4 बच्चे हैं। जिसमें से दो स्कूल गए हुए थे और दो लड़कियां निशा और खुशी उसके पास ही थी। जिनकी उम्र 9 वर्ष और 11 वर्ष है । महिला ने दोनों बेटियों को जहर दिया और फिर खुद भी जहर खा लिया। जिससे महिला और नौ वर्ष की खुशी की उपचार के दौरान मौत हो गई। जबकि एक बच्ची जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करती हुई अस्पताल में भर्ती है। वही पति सुखबीर मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करता है।
हादसे के बाद जहां एक बार फिर से फ़िज़ूल खर्ची करने वाली इंसानियत पर तमाचा लगा है तो वहीं सरकार के खोकले दावों की भी पोल खुल गयी है। लगातार मेक इन इंडिया का नारा देने वाले पीएम मोदी और सीएम योगी क्या इस मामले पर जबाब दे पायेंगे।
जब प्रदेश के मुख्यमंत्री मंच से यह कह सकते है कि गन्ना मत उगाइये इससे शुगर होता है। तो विकास क्या दे पायेगें आप खुद समझ लीजिये। देश और प्रदेश की हालात दो बक्त का भोजन मिलने से पता चलता है। ऐसे जाने कितने मासूम इन सरकारों के पेट में समां जायेंगे लेकिन इनके कार कुरन्दा यह बात मानने को तैयार नहीं है।