बदायूं

उठनी थी बेटी की डोली लेकिन उठी पिता की अर्थी ? बेटी की शादी और पिता ने की आत्महत्या, खुशियों की जगह मातम, जानें- क्यों?

Arun Mishra
10 July 2022 5:26 AM GMT
उठनी थी बेटी की डोली लेकिन उठी पिता की अर्थी ? बेटी की शादी और पिता ने की आत्महत्या, खुशियों की जगह मातम, जानें- क्यों?
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बेटी विदा होती इससे पहले खेतों की ओर गए लोगों ने इंद्रपाल के फंदे से लटककर आत्महत्या करने की सूचना दे दी

उत्तर प्रदेश के जनपद बदायूं में उठनी थी बेटी की डोली लेकिन शायद उपरवाले को कुछ और ही मंजूर था और उठी पिता की अर्थी ? जनपद बदायूं के उसावां थाना क्षेत्र के गांव बनबौसारी में शुक्रवार रात बेटी की शादी के दौरान 42 वर्षीय इंद्रपाल ने फंदे से लटककर जान दे दी। बताया जा है कि सुबह चार बजे बेटी के फेरों के बाद भात पहनाते समय उसका पत्नी से विवाद हुआ था। नाराज होकर इंद्रपाल घर से निकल गया और खेत में जाकर बबूल के पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

गांव बनबौसारी निवासी इंद्रपाल की 20 वर्षीय बेटी श्यामा देवी की शुक्रवार रात शादी थी। उसकी बरात फर्रुखाबाद के शमसाबाद थाना क्षेत्र के गांव नौगवां से आई थी। शाम को दूल्हा आलोक पुत्र संतराम बरात लेकर पहुंचा। हंसी खुशी सभी रस्में निभाई गईं। बरात का खूब आदर सत्कार किया गया।

सुबह चार बजे श्यामा देवी और आलोक ने सात फेरे लिए। फेरों के बाद भात पहनाने की रस्म निभाई जानी थी। परिवार वालों के मुताबिक उस वक्त इंद्रपाल दूसरे काम में लगे थे। उन्हें मंडप पर बुलाया गया, तभी उनका पत्नी माला देवी से मामूली विवाद हो गया। इंद्रपाल मंडप में नहीं आया। वह घर से बाहर निकल गया। कुछ लोगों ने उसे रोका भी लेकिन वह निकल गया।

इधर, भात की रस्म के बाद बेटी को विदा करने की तैयारियां शुरू कर दी गईं। शनिवार सुबह बेटी विदा होती इससे पहले खेतों की ओर गए लोगों ने इंद्रपाल के फंदे से लटककर आत्महत्या करने की सूचना दे दी। इससे खुशियों का माहौल मातम में बदल गया। सूचना पर पुलिस पहुंच गई। ग्रामीणों के सहयोग से इंद्रपाल के शव को फंदे से उतारा गया। फिर दोपहर में उसका पोस्टमार्टम कराया गया। मामले में कोई तहरीर नहीं दी गई है।

शनिवार सुबह बेटी श्यामा देवी की विदा की तैयारियां चल रहीं थीं। अचानक इंद्रपाल की मौत की सूचना मिली। इससे परिवार में मातम छा गया। पिता की मौत की खबर सुनकर दुल्हन गश खाकर गिर पड़ी। दिनभर परिवार वाले गमगीन माहौल में रहे। शाम को इंद्रपाल के अंतिम संस्कार के बाद श्यामा देवी को विदा किया गया।

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