उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनावों की घोषणा, राजनीतिक दलों ने कसी कमर

Arun Mishra
5 Sep 2020 4:46 PM GMT
उत्तर प्रदेश में आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनावों की घोषणा, राजनीतिक दलों ने कसी कमर
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आठ विधानसभा सीटों में से छह बीजेपी और दो समाजवादी पार्टी के पास हैं.

उत्तर प्रदेश में अलग-अलग कारणों से खाली हुईं आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है. पक्ष और विपक्ष दोनों इन उपचुनावों को 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के नज़रिए से अहम मान रहे हैं. आठ विधानसभा सीटों में से छह बीजेपी और दो समाजवादी पार्टी के पास हैं.

जिन आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें फिरोजाबाद की टुंडला सीट है, जो बीजेपी के एस पी सिंह बघेल के सांसद बनने के बाद खाली हुई थी. विवाद कोर्ट में लंबित होने के चलते अभी तक यहां उपचुनाव नहीं हो पाए. इसके अलावा रामपुर की स्वार सीट जो आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म की जन्मतिथि विवाद के चलते सदस्यता रद्द होने के बाद से खाली है.

उन्नाव की बांगरमऊ सीट से बीजेपी के कुलदीप सिंह सेंगर जीते थे. उम्रकैद की सजा के चलते उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई. जौनपुर की मल्हनी सीट से सपा विधायक पारसनाथ यादव के निधन के बाद से ये सीट खाली है. इसके अलावा देवरिया सदर से बीजेपी विधायक जन्मेजय सिंह और बुलंदशहर से बीजेपी के वीरेंद्र सिरोही की सीट भी निधन के बाद से खाली है.

उपचुनाव से विधानसभा के परिणाम पर नहीं पड़ेगा प्रभाव

वहीं कानपुर की घाटमपुर सीट बीजेपी की कमल रानी वरुण और अमरोहा की नौगावां सादात बीजेपी के चेतन चौहान के निधन के बाद से खाली है. वरिष्ठ पत्रकार पीएन द्विवेदी के अनुसार 403 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के परिणाम का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन इससे एक संदेश ज़रूर जाएगा.

वर्तमान समय में कोरोना संकट और जातिवादी राजनीति का मुद्दा गरमाया है. ऐसे में पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए ये एक परीक्षा होगी. बता दें कि हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश सहकारी ग्रामीण विकास बैंक के चुनावों में बीजेपी ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी. इन चुनावों में सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवारों की जीत ने तीन दशक पुराने सपा के वर्चस्व को तोड़ दिया था. बीजेपी ने 311 में से 281 सीटों पर जीत हासिल की थी.

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