चित्रकूट

चित्रकूट धाम में परसुराम आश्रम की गद्दी में आसीन हुए सोमेश्वरदास

Shiv Kumar Mishra
19 Nov 2020 12:28 PM GMT
चित्रकूट धाम में परसुराम आश्रम की गद्दी में आसीन हुए सोमेश्वरदास
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जगद्गुरु रामस्वरूपाचार्य ने दो दिन पहले निर्मोही अखाड़ा में की गई महंती को कोर्ट चैलेंज देने का ऐलान किया है और जगद्गुरु के पद से खुद को हटाए जाने के मामले पर कहा मुझे हटाने का अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को कोई हक नही है

सूरज तोमर

धार्मिक नगरी चित्रकूट में आज कामदगिरि पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामस्वरूपाचार्य ने सन्त सोमेस्वरदास को परसुराम आश्रम चित्रकूट का महन्त बनाया है। प्रमुख सन्तो की मौजूदगी में आज परसुराम आश्रम रामनगर जानकीकुंड में सन्त सोमेस्वरदास को कंठीमाला देकर महंती की पदवी दी गयी है। यह महंती विरक्त मंडल साधु संत समाज चित्रकूट ने कराई है । महंती के इस कार्यक्रम में सन्तो के दो फाड़ दिखाई दिए है। जिसकी चर्चा भी सन्तो के बीच विरोधाभास वाली रही। जगद्गुरु रामस्वरूपाचार्य ने दो दिन पहले निर्मोही अखाड़ा में की गई महंती को कोर्ट चैलेंज देने का ऐलान किया है और जगद्गुरु के पद से खुद को हटाए जाने के मामले पर कहा मुझे हटाने का अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को कोई हक नही है ये श्रद्धा का विषय है मैं खुद उनको अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद से हटा रहा हु।

धार्मिक नगरी चित्रकूट में सन्त समाज को लेकर अब दो फाड़ दिखाई दे रहे हैं जिसका स्वरूप यहां सन्त समाज की महंती परम्परा में देखने को मिला। दो दिन पहले निर्मोही अनी अखाड़ा में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष सन्त नरेंद्र गिरी और जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने महन्त ओंकारदास को हटाकर दो नए सन्तो को महंती सौप दिया था और जगद्गुरु लेकर भी बयान जारी करते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने नरेंद्रगिरि ने कहा था कि चित्रकूट में मात्र एक ही जगद्गुरु रामभद्राचार्य ही है जबकि उन्होंने कामदगिरि पीठ के रामस्वरूपाचार्य जी को स्वयम्भू जगद्गुरु करार दिया था। इसी बात को लेकर यहां सन्तो के दो फाड़ हो गए और आज परशुराम आश्रम में सन्त सोमेस्वरदास की महंती में विरक्त मंडल के सन्तो ने इस रस्म को पूरा करते हुए कंठीमला डाला और कहा कि अखाड़ा परिषद को चित्रकूट में महंती देने का अधिकार ही नही है। जगद्गुरु रामस्वरूपाचार्य महाराज ने निर्मोही अखाड़ा की महंती को अबैध करार दिया है और इसे कोर्ट में चैलेंज करने का ऐलान किया है।


पंजाबी आश्रम के महंत राजकुमार दास ने कहा कि आज चित्रकूट में सोमेस्वरदास महाराज की पहली महंती विरक्त मंडल की तरफ से हुई है। हम अखाड़ा परिषद को अलग नही मानते है और न कभी माना है वो हमारा अंग है और रहेगा लेकिन अब चित्रकूट में जो विरक्त मंडल सन्त समाज के माध्यम से महंती लेगा उसे विरक्त मंडल महंती कराएगा और जो अखाड़ा परिषद के माध्यम से महन्त बनेगा उसकी अखाड़ा परिषद महंती कराएगा। उन्होंने कहा आज नहीं तो कल फिर से अखाड़ा परिषद हमारा होगा।

कामदगिरि पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामस्वरूपा चार्य ने कहा कि आज चित्रकूट का विरक्त मंडल समस्त साधु सन्त समाज ने सोमेस्वरदास महाराज को महंती दिलाई है । उन्होंने निर्मोही अखाड़ा में दो दिन पहले बनाये गए दो महंतों की महंती को अबैध करार दिया है और कहा कि चित्रकूट में अखाड़ा परिषद को महंती कराने का कोई अधिकार नही है। यहां के लोगो को बिना पूंछे कैसे महंती करा दी गयी। इसको कोर्ट में चैलेंज किया जाएगा। उन्होने नरेद्र गिरी द्वारा जगद्गुरु पद से हटाए जाने के बावत पूंछने पर कहा उनको अधिकार ही नही है जगद्गुरु पद से हटाने का। उन्होंने कहा कि जगद्गुरु श्रद्धा का विषय है जिसको किसी के मन से आजीवन नही हटाया जा सकता है। मैं ही उनको अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद से हटाता हु। उन्होंने कहा यह खनयत्र है और सन्त समाज के लिए नुकसानदायक है।

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