- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
एटा में एक पूर्व सैनिक ने यूपी पुलिस के छुडाये छक्के, 60 कमांडोज ने लिया कब्जे में
उत्तर प्रदेश के एटा में एक पूर्व सैनिक ने 20 घंटे तक कोहराम मचाये रखा. इस शख्स ने अपने परिवार और पड़ोसियों के लोगों को 20 घंटे तक बंधक बनाकर रखा और अंधाधुंध गोलियां चलाई. इसकी करतूत से पूरे इलाके में खलबली मच गई. इस शख्स का आतंक ऐसा रहा कि यूपी पुलिस अकेले इसको अपने काबू में नहीं कर सकी. इसके काबू में करने के लिए 60 कमांडो बुलाने पड़े तभी इसे वश में किया जा सका.
इस पूर्व फौजी का नाम अवधेश यादव है. इस शख्स ने अपने 18 साल की बेटी, 15 साल के बेटे और अपने पिता के अलावा अपने मकान मालिक के दो रिश्तेदारों को बंदूक की नोक पर घंटों तक कैद रखा. सोमवार को एटा में कई घंटे तक अफरा-तफरी मची रही. इस शख्स के डर से लोग घरों में दुबके रहे. पुलिस ने बताया कि इस शख्स को मानसिक दौरा पड़ा था. वह कुछ-कुछ देर में फायरिंग करता और कहता कि वह 'कवर फायर' कर रहा है और 'दुश्मन ने सरेंडर' कर दिया है.
इसके अलावा जैसे ही पुलिस या पड़ोसी उससे संपर्क स्थापित करने की कोशिश करते वह गोलियां चलाना शुरू कर देता. ऐसा देखकर पुलिस भी पीछे हट गई। सोमवार (15 जनवरी) दिन में शुरू हुआ यह ड्रामा मंगलावर तड़के तक चला. लगभग 20 घंटे तक हंगामा करने के बाद यह शख्स सो गया था. तभी पुलिस ने चुपके से इस शख्स के बच्चों से संपर्क स्थापित किया.
पुलिस ने बच्चों को कहा कि वे लगो मौका लगते ही उसके बंदूक को छुपा दें. जैसे ही पुलिस इस बात को लेकर आश्वस्त हो गई कि पूर्व फौजी के बंदूक को रख लिया गया है. पुलिस ग्राउंड फ्लोर पर पहुंची और उसे दबोच लिया. पुलिस के मुताबिक ये फौजी 2014 में रिटायर हुआ था, घटना के वक्त उसने एक राइफल रख रखा था. पुलिस का कहना है कि यह शख्स दिल्ली में सिक्युरिटी गार्ड की नौकरी करता था और दिमागी रूप से असंतुलित था.