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एटा में 92 साल के बीमार कैदी को जंजीर से बांधे जाने पर NHRC सख्त, मुख्य सचिव से किया जवाब तलब

Shiv Kumar Mishra
20 May 2021 9:24 AM GMT
एटा में 92 साल के बीमार कैदी को जंजीर से बांधे जाने पर NHRC सख्त, मुख्य सचिव से किया जवाब तलब
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उत्‍तर प्रदेश के एटा जिले के सरकारी अस्‍पताल में जंजीरों से बंधी 92 वर्ष के एक बुजुर्ग कैदी की सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्‍वीर से सम्‍बंधित शिकायत पर राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए छह सप्‍ताह के भीतर एक्‍शन टेकेन रिपोर्ट मांगी है।

हत्‍या के जुर्म में एटा जिला जेल में कैद बुजुर्ग बाबूराम बलवान सिंह की तबीयत खराब हो गयी थी। उन्‍हें जिला अस्‍पताल ले जाया गया जहां से उन्‍हें अलीगढ़ रेफर कर दिया गया। अलीगढ़ में बिस्‍तर खाली न होने के चलते उन्‍हें वापस एटा के जिला अस्‍पताल लाया गया। वहां उन्‍हें अस्‍पताल के बिस्‍तर से जंजीरों से बांध दिया गया। सोशल मीडिया पर मास्‍क लगाए बुजुर्ग के पैरों में बेड़ी वाली तस्‍वीर जब वायरल हुई, तब यूपी के अतिरिक्‍त महानिदेशक (जेल) ने एक जेल वार्डर अशोक यादव के निलंबन के आदेश दिए और आरक्षी से रिपोर्ट तलब की।

इस सम्‍बंध में प्रेस ट्रस्‍ट से एक खबर जारी हुई थी। एनडीटीवी की वेबसाइट पर छपी उक्‍त खबर का संज्ञान लेते हुए बनारस स्थित मानवाधिकार संस्‍था पीपुल्‍स विजिलेंस कमेटी ऑन ह्यूमन राइट्स (पीवीसीएचआर) के प्रमुख डॉ. लेनिन रघुवंशी ने 14 मई को मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करवायी, जिस पर बुधवार 19 मई को संज्ञान लेते हुए आयोग ने उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍य सचिव को कड़े निर्देश जारी किए हैं।

उक्‍त मामले (संख्‍या 12689/24/22/2021) में आयोग ने इसे गंभीर प्रकरण बताते हुए आश्‍चर्य व्‍यक्‍त किया है कि आखिर 92 साल के एक बुजुर्ग कैदी से क्‍या डर हो सकता है कि जेल आरक्षी इतने स्‍वार्थी और संवेदनहीन बन गये। आयोग ने कहा कि इस घटना से एक नज़ीर यह भी निकलती है कि जो व्‍यक्ति वास्‍तव में खतरा हो सकता है उसके साथ कितनी बर्बर और अमानवीय हरकत की जाती होगी।


आयोग ने इस घटना के मद्देनज़र राज्‍य के सेन्‍टेन्‍स रिव्‍यू बोर्ड की निष्क्रियता पर सवाल उठाये हैं ओर मुख्‍य सचिव से चार सवालों के जवाब मांगे हैं:

1-सेन्‍टेन्‍स रिव्‍यू बोर्ड की आखिरी बैठक कब हुई थी?

2-बोर्ड के समक्ष कितने मामले लंबित हैं?

3-वर्ष 2019 और 2020 में बोर्ड ने कितने मामलों में सज़ा को माफ किया है?

4-जेलों में कैदियों से जुड़े मामलों को बोर्ड को रेफर करने के सम्‍बंध में क्‍या व्‍यवस्‍था अपनायी जा रही है?

आयोग ने निर्देश की प्राप्ति की तारीख से छह सप्‍ताह के भीतर मुख्‍य सचिव से इस प्रकरण में एक्‍शन टेकेन रिपोर्ट तलब की है।

साभार जनपथ

Shiv Kumar Mishra

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