इटावा

जब वित्त मंत्रालय के फर्जी विजिलेंस अफसर का असली IPS अफसर से हुआ सामना, तो यूँ गिडगिडाने लगा!

Shiv Kumar Mishra
13 Jun 2020 5:11 AM GMT
जब वित्त मंत्रालय के फर्जी विजिलेंस अफसर का असली IPS अफसर से हुआ सामना, तो यूँ गिडगिडाने लगा!
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इटावा: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर के निर्देशन में अपराध एवं अपराधियों के विरूद्व चल रहे अभियान के तहत एसओजी इटावा एवं थाना सिविल लाइन की संयुक्त टीम द्वारा लोगों को नौकरी आदि का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के 1 फर्जी आईआरएस अधिकारी सहित कुल 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. यह जानकारी एसएसपी आकाश तोमर ने दी है.

कैसे हुई गिरफ्तारी

शुक्रवार 12.जून.2020 को थाना सिविल लाइन पुलिस टीम द्वारा लाॅकडाउन के नियमों के अनुपालन हेतु डीएम चैराहे पर संदिग्ध वाहन और व्यक्तियों की चेकिंग की जा रही थी. इसी दौरान मुखबिर द्वारा सूचना दी गयी कि एक नीली बत्ती लगी इनोेवा कार लौहन्ना चैराहे की ओर से इटावा शहर की ओर आ रही है जिसमें लगभग 5 लोग सवार है. उनके द्वारा विगत कुछ समय से आम जनता को नौकरी आदि का झांसा देकर पैसे ठगने का काम करते है.

पुलिस टीम द्वारा मुखबिर की सूचना के आधार पर एसओजी इटावा व थाना सिविल लाइन की संयुक्त टीम द्वारा पुलिस लाइन तिराहे पर संघन चेकिंग की जाने लगी इसी दौरान लौहन्ना चैराहे की ओर से एक नीली बत्ती लगी कार आती हुई दिखाई दी जिसे पुलिस टीम द्वारा टाॅर्च की रोशनी दिखाकर रोकने का प्रयास किया गया. जिस पर कार सवार द्वारा गाडी रोककर उतकर भागने का प्रयास किया गया. जिन्हे पुलिस टीम द्वारा आवश्यक बल प्रयोग कर घेराबन्दी करके पकड लिया गया.

पुलिस टीम द्वारा गाडी से उतकर भागते हुए कुल 5 लोगों को पकडा गये तथा गाडी व पकडे गये लोगों से उपायुक्त विजिजेंस अधिकारी का फर्जी आईडी कार्ड, भारी मात्रा में फैक्ट्री मेड रायफल, विभिन्न न्यूज चैनल की माइक आईडी, फर्जी मोहरे आदि सामान बरामद हुए.

पुलिस ने की जब सख्ती से पूछताछ

पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त से की गयी पूछताछ में अभियुक्त मनीष कुमार द्वारा बताया गया कि में विगत 2-3 वर्ष से लगातार आईआरएस एवं आईपीएस अधिकारी बनकर दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, इटावा व प्रदेश के विभिन्न जनपदों में विजिलेंस अधिकारी बनाकर लोगों से ठगी का काम करते थे. अभियुक्त द्वारा बताया गया कि स्वयं ही किसी भी व्यक्ति के खिलाफ आईजीआरएस शिकायत डालकर स्वयं ही सरकार की ओर से जांच टीम बनकर व्यक्ति को ब्लैकमेल करके रूपये ठगने का काम करते थे. अभियुक्त द्वारा यह भी बताया गया कि वह अपने साथ अपने पत्रकार मित्रों को भी साथ रखते थे जिससे किसी भी व्यक्ति को ब्लैकमेल करके ठगी की जा सके तथा अपना काम कराने के लिये किसी भी अधिकारी पर दबाव बनाया जा सके.

पुलिस पूछताछ में यह तथ्य भी सामने आये कि अभियुक्त मनीष बर्खास्त बैंक PO कर्मचारी है. जिसे बैंक द्वारा बैंक लोन धोखाधडी में बर्खास्त कर दिया गया था. उसके बाद से ही अभियुक्त द्वारा फर्जी आईआरएस अधिकारी बनकर ठगी करता था. अभियुक्त द्वारा स्वयं को आईआरएस अधिकारी के तौर पर दिखाने के लिये फर्जी आईडी कार्ड व फर्जी बेवसाइट भी बनायी गयी थी.



गिरफ्तार आरोपी अपने नाम से एक फर्जी वेबसाइट बनाकर लोंगों को भ्रमित कर रहा था. इसके अलावा इसके पास से एक नकली परिचय पत्र भी मिला है.





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