अयोध्या

16 वर्ष का वनवास खत्म, आज ट्रेन शुरू होने पर अयोध्या जाएंगे दयालपुरवासी

Shiv Kumar Mishra
8 Jan 2022 6:15 AM GMT
16 वर्ष का वनवास खत्म, आज ट्रेन शुरू होने पर अयोध्या जाएंगे दयालपुरवासी
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भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद प्रयागराज होते हुए ही अयोध्या वापस गए थे। अब उनके भक्तों का भी वनवास खत्म हुआ है। 16 वर्षों तक अयोध्या जाने के लिए ट्रेन का इंतजार करने वाले ग्रामीणों की प्रतीक्षा समाप्त हुई।

8 जनवरी को सुबह 7:31 बजे पहली ट्रेन दयालपुर हाल्ट पर रुकेगी जो यहां के लोगों को अयोध्या ले जाएगी। वापसी में यह ट्रेन रात 10:04 बजे दयालपुर में रुकेगी।

आमदनी कम होने के कारण दिसंबर 2005 में दयालपुर हाल्ट को बंद कर दिया गया था। 15 गांव के 30 हजार से अधिक लोगों के लिए यहां रुकने वाली ट्रेन लाइफलाइन हुआ करती थी। ट्रेनों का संचालन बंद हुआ तो लोगों ने आंदोलन शुरू किया और वापस स्टेशन को शुरू कराने की मांग करने लगे। लेकिन आश्वासन की घुट्टी पीकर दयालपुर स्टेशन बूढ़ा होता गया। इसकी बिल्डिंग जर्जर हो गई। दरवाजे खिड़कियां टूट कर खंडहर हो गए । बस जिंदा थी तो की उम्मीद कि एक दिन रेलवे स्टेशन फिर से शुरू होगा।

आसपास के गांव से लोगों ने भाग दौड़ शुरू की और दिल्ली तक गुहार लगाई। जनप्रतिनिधि और रेलवे अधिकारी भी आश्वासन देते रहे। दैनिक जागरण ने इस रेलवे स्टेशन की बहाली के लिए 24 जुलाई 2021 से अभियान शुरू किया । उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक से लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव तक ग्रामीणों की आवाज़ पहुंचाई। फूलपुर की सांसद केसरी देवी पटेल ने अलग-अलग मंचों से लेकर मंत्रालय तक इस स्टेशन को शुरू कराने के लिए जोर लगाया जिसके बाद प्रयागराज में रेल मंत्री के दौरे के दौरान उन्होंने इस स्टेशन को शुरू करने का आदेश दिया था जिसके क्रम में 8 जनवरी से यहां ट्रेनें रुकेगी ।

दयालपुर रेलवे स्टेशन शुरुआती दिनों में केवल कुंभ मेले के दौरान ही अस्तित्व में आता था और अस्थाई तौर पर इसका निर्माण किया जाता था। कुंभ खत्म होते ही स्टेशन को तोड़ दिया जाता था । 1954 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के संसदीय क्षेत्र फूलपुर के दयालपुर गांव में स्टेशन बनाने की घोषणा हुई। लाल बहादुर शास्त्री के आदेश पर मंत्रालय से मुहर लगते ही 6 महीने के अंदर रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आ गया। यहां 1961 से ट्रेनें रुकने लगी थी। इस स्टेशन से ही यहां आस-पास के दो दर्जन गांव के लोग सफर करते थे यहीं से प्रयागराज जाना हो या अयोध्या की ओर एक मात्र रेलवे स्टेशन ही साधन हुआ करता था। सात व 29 दिसंबर 2005 में कम आमदनी के कारण पत्र जारी कर इस स्टेशन को बंद किया गया था।

रेलवे स्टेशन शुरू कराने में आस पास के गांवों के हजारों लोगों की आवाज रही। उनके प्रतिनिधि के रूप में राजनाथ पटेल, सुखदेव पटेल, अंतरार्ष्टीय एथलीट इंद्रजीत पटेल, मो. रफीक, राजकुमार पटेल, शिक्षक अमरनाथ, कल्लू राम पटेल, राजकुमार द्विवेदी, जगदीश प्रसाद, शुक्ला, सतीश कुमार पांडे, संतलाल एडवोकेट, विरेंद्र तिवारी, पुनीत यादव, रवि भूषण यादव, रामबाबू यादव, समरजीत पटेल, राज बहादुर मौर्य, जंग बहादुर मौर्य, रामराज प्रधान, सुनील कुमार यादव, खूंटी प्रधान, जंगी पटेल, कमलेश नारायण दुबे आदि लोगों ने स्टेशन शुरू कराने के लिए मंत्रालय से लेकर बोर्ड तक अपनी आवाज बुलंद की।

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