अयोध्या

सखियों के साथ अटखेलियाँ खेल सीता को ले चले श्री राम, मंदिरों में मनाई गई विदाई की अनोखी परंपरा

Shiv Kumar Mishra
30 Nov 2022 4:08 AM GMT
सखियों के साथ अटखेलियाँ खेल सीता को ले चले श्री राम, मंदिरों में मनाई गई विदाई की अनोखी परंपरा
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अयोध्या के मठ मंदिरों में भगवान श्री राम माता सीता के विवाह उत्सव के अंतिम चरण में विदाई के भी भव्य आयोजन की परंपरा को निभाया गया इस दौरान मौजूद भक्तों ने सोने चांदी के जेवरात और तरह-तरह की बर्तन भी उपहार स्वरूप दिया।

धार्मिक नगरी अयोध्या के विभिन्न मठ मंदिरों में राम विवाह उत्सव का उल्लास चरम पर है और विवाह पंचमी के अवसर पर अयोध्या के राम और जनकनंदिनी सीता के विवाह उत्सव के बाद मांगलिक कार्यक्रमों की कड़ी में भगवान श्री राम का कलेवा कार्यक्रम किया गया। जिसमे दुल्हा बने भगवान श्री राम और तीनो भाइयो को छप्पन भोग का प्रसाद ग्रहण कराया गया और विवाह परम्परा के अनुसार सभी बारातियों की उपहार के साथ विदाई की गयी इस मौके पर अयोध्या के मंदिर जनकपुर की भूमिका में रहे और बारातियों की विदाई परम्परागत गारी गायन किया गया। जिसके बाद भगवान राम और माता सीता सहित तीनों भाई व उनकी पत्नियों के विदाई का आयोजन किया गया। मौजूद लोगों ने सोने चांदी के जेवरात सहित तरह-तरह के बर्तन और खिलौनों को भी उपहार स्वरूप भगवान राम और माता सीता को प्रदान किया।

अयोध्या के मंदिरों में चल रहे इस महा आयोजन के मौके पर दूल्हा रामजी तो रूठे नहीं लेकिन उन्हें मनाने का उपक्रम करते हुए संतो ने गारी सुनाते हुए गाया कि 'दूल्हा माने न मनाए मांगे मोटर साइकिल घड़िया, मोसे मांगे सोहन के मनमोहन बड़े अखड़िया, जब लौ नाहीं नेग चुकाहिहौं, खाऊंन राबरिया.'। इससे पहले श्रीरामचरित मानस की परम्परा में आयोजित उत्सव में 'पुनि जेवनार भई बहु भांति, पठए जनक बोलाए बराती.' की भावना के क्रम में विभिन्न मंदिरों में हनुमानबाग, जानकी महल, राम वल्लभा कुंज, कनक भवन, रंग महल, विभूति भवन व राम हर्षण कुंज समेत अन्य मंदिरों में विराजमान भगवान को छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया। वहीं श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण हुआ।

रामवल्लभा कुंज में आयोजित कुंवर कलेवा के अवसर पर सखियों ने दूल्हा सरकार के साथ खूब अटखेलियां की और उनकी आवभगत भी की। इस दौरान सखी बिमलाबिहारी शरण ने दूल्हा सरकार को बुझनि-बुझाते हुए उन्हें हराने का प्रयास किया लेकिन दूल्हा सरकार ने अपने स्नेह भरे उत्तर से उन्हें निरुत्तर ही नहीं किया बल्कि नेग में मिथिलावासियों का प्रेम मांग कर उनका भी दिल जीत लिया। दौरान मौजूद राम दिनेश आचार्य ने कहा कि आज भगवान के मनोरम दृश्य का दर्शन मिल रहा है जब उनके साथ माता सीता भी अर्धांगिनी के रूप में विवाह के बाद विदाई के लिए रवाना हुई।

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