अयोध्या

लवारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने वाले मोहम्मद शरीफ पद्मश्री अवॉर्ड के इंतजार में गिन रहे है अंतिम सांसें

Shiv Kumar Mishra
21 Feb 2021 10:42 AM GMT
लवारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने वाले मोहम्मद शरीफ पद्मश्री अवॉर्ड के इंतजार में गिन रहे है अंतिम सांसें
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पद्मश्री अवॉर्ड के इंतजार में अंतिम सांसें गिन रहे हैं मोहम्मद शरीफ, लवारिस लाशों का अंतिम संस्कार के लिए जानें जाते हैं ‘शरीफ चाचा’

लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार (Cremating Unclaimed Bodies) करने वाले अयोध्या के 83 वर्षीय मोहम्मद शरीफ (Mohammad Sharif ) को अब तक पद्मश्री अवॉर्ड (Padma Shri Award) नहीं मिला है. शरीफ (Mohammad Sharif ) को पद्मश्री अवॉर्ड (Padma Shri Award) देने की घोषणा की गई थी. मगर उन्होंने बताया कि उन्होंने अब तक पद्मश्री (Padma Shri Award) नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि मैंने इसके बारे में टीवी पर समाचार में सुना था, मगर अब तक मुझे अवॉर्ड नहीं मिला है. मैं दो महीने पहले बीमार हो गया था.

मोहम्मद शरीफ(Mohammad Sharif ) इस समय बहुत बीमार हैं. वो दो कमरों के घर में किराए पर रहते हैं. बीमारी के कारण वो इस समय बेड पर हैं. उन्हें अब तक न तो पदक मिला है और न ही प्रशस्ति पत्र. परिवार ने कहा कि वह पदक की झलक पाने के लिए तरस गए हैं. स्थानीय लोग उन्हें प्यार से शरीफ चाचा कहते हैं.

मोहम्मद शरीफ अयोध्या के मोहल्ला खिरकी अली बेग में रहते हैं. शरीफ के पास अब दवाइयां खरीदने के भी पैसे नहीं है. वे बेसुध बिस्तर पर पड़े रहते हैं. मोहम्मद शरीफ तबीयत बिगड़ने से पहले टिन शेड के नीचे एक साइकल मरम्मत की दुकान चलाते थे. शरीफ इस समय अपने परिवार के साथ स्थानीय वक्फ मेंबर के घर में किराए पर रहते हैं. उनकी लीवर और किडनी खराब हो गई है.

उनके परिवार के एक सदस्य ने बताया कि उनके ऊपर बहुत कर्ज हो गया है. स्थानीय साहूकार और दवा दुकानों के हजारों रुपए बकाया हैं. उन्हें अब तक पद्म अवॉर्ड नहीं मिला है. क्योंकि पुरस्कार समारोह कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण स्थगित कर दिया गया था. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार बीजेपी सांसद लल्लू सिंह ने कहा है कि मुझे नहीं पता था कि उन्हें अब तक पद्म पुरस्कार नहीं मिला है. मैं उनके इलाज के लिए धन जुटाऊंगा.

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