फतेहपुर

हर्षोल्लास के साथ मनाया गया दीपावली व भैया दूज का पर्व, खुशियों के त्यौहार पर हावी रही महंगाई की मार

हर्षोल्लास के साथ मनाया गया दीपावली व भैया दूज का पर्व, खुशियों के त्यौहार पर हावी रही महंगाई की मार
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फतेहपुर । मां लक्ष्मी और गणेश से सुख समृद्धि की कामना के रूप में मनाए जाने वाला दीपोत्सव त्यौहार (दीपावली) समूचे जनपद में बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया। कार्तिक मास की अमावस्या को होने वाले दीपावली त्यौहार मे जनपद वासियों ने तरह तरह के मिष्ठान भोग लगाकर घरों में प्रसाद वितरण किया। बाजारों में रौनक तो खूब दिखी लेकिन जेब तंगी के कारण खरीददारों की कमी दिखाई दी। लोगों ने इस पर्व में मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना कर दीपदान किया। बच्चों ने घरों के छत जो चौबारा में दीपक चलाकर उजियारा फैलाया और अनार फुलझड़ी आदि छुटाकरा अपनी खुशहाली का इजहार किया।

पिछले दो सालों में बेहद मंदी की मार झेल रहे व्यापारियों के चेहरे पर दीपावली का त्योहार रौनक एक आस लेकर लौटा था। लेकिन बाजारों की ये चमक महंगाई की वजह से बहुत हद तक फीकी दिखी। हालांकि राज्य सरकार व केंद्र सरकार की तरफ से आम आवाम के लिए डीजल व पेट्रोल के दामों को घटाकर मरहम लगाने का प्रयास किया गया, परंतु यह भी नाकाफी साबित रहा। बाजारों में दुकानदारों ने झालर, फुलझड़ी, चुटपुटिया, महताब, अनार, राकेट, चकरघिन्नी, लहसुन आदि की दुकानें तो सजाईं, लेकिन इस बार फुलझड़ी, अनार व चकरघिन्नी से ही लोगों ने काम चलाया। ज्यादातर लोग मात्र शगुन के लिए ही खरीद करते नज़र आये।

पिछले कुछ वर्षों में निरंतर जिस तेजी के साथ देश में महंगाई बढ़ी है, उससे गरीब तबका तो पहले से ही परेशान है, लेकिन अब तो एक मध्यमवर्गीय परिवार को भी अपनी आय और व्यय में सामंजस्य बैठाना बेहद मुश्किल हो रहा है, चिंता की बात यह है कि महंगाई के प्रकोप के लंबे समय से चले आ रहे हालातों में सुधार होने की जगह परिस्थितियां दिनप्रतिदिन विकट होती जा रही हैं। कोरोना के चलते मंदी के इस दौर में हर क्षेत्र में कामकाज पहले से ही बेहद सुस्त चल रहा है, मंदी की वजह से लोगों को अपने व्यापार, रोजगार व नौकरियों को सुरक्षित रखना एक बहुत बड़ी चुनौती बनती जा रही है। मेहनतकश, नौकरी पेशा यहां तक की व्यापारियों के लिए भी बचत तो एक बहुत दूर की बात होती जा रही है, उनका दैनिक खर्चा भी पहले की भांति सही ढंग से पूरा नहीं हो पा रहा है

- आम आदमी की थाली, हुई दाल से खाली

कहते हैं दाल रोटी खाओ, प्रभु के गुण गाओ। लेकिन महंगाई की ऐसी मार पड़ी है कि आम आदमी जो दाल-रोटी खाकर गुजारा कर लेता था। उसकी थाली से ही दाल गायब होती जा रही है। हालात ऐसे हो गए हैं कि मिडिल क्लास फैमिली की थाली बिना दाल के परोसी जाने लगी है। इसकी तस्दीक आंकड़े कर रहे हैं। बीते महीनो में चना, अरहर, उड़द, मूंग और मसूर दाल के दाम आसमान चढ़े हैं। चना 75 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 100 रुपये हो गया है। यही हाल अरहर, उड़द, मूंग, मसूर के दाम भी दिख रहा है। अरहर, उड़द, मूंग शतक के पार हैं तो मसूर शतक लगाने को तैयार हैं।

- आम आदमी पर सरकारी मरहम

डीजल और पेट्रोल के दामों में लगातार हो रहे उछाल में केंद्र और प्रदेश सरकार ने राहत देने का काम किया है। गुरुवार को केंद्र और प्रदेश सरकार ने क्रमश: एक्साइज ड्यूटी और वैट टैक्स पर राहत दी है। डीजल और पेट्रोल के दामों में गिरावट से जनता ने राहत की सांस ली है। केंद्र और प्रदेश सरकार के द्वारा डीजल में 11.81 व पेट्रोल में 5.49 रुपये की राहत दी है।

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