फतेहपुर

मोरंग भण्डारणो पर मेहरबान प्रशासन, मोरंग चोरों पर मेहरबान पुलिस

Smriti Nigam
28 July 2021 5:16 PM GMT
मोरंग भण्डारणो पर मेहरबान प्रशासन, मोरंग चोरों पर मेहरबान पुलिस
x
13 भण्डारणो में कार्रवाई जांच तक सीमित, एक वर्ष से मोरंग चोर घूम रहे खुलेआम

एनजीटी के निर्देशों के अनुसार बरसात में नदियों से खनन में प्रतिबंध लग जाता है। जून की समाप्ति के साथ ही जनपद में मोरंग का खनन बंद हो गया मगर खनन कारोबारियों व माफियाओ ने खनन बंद होने से पूर्व ही यमुना को वैध व अवैध तरीके से खोदकर बरसात में ऊंचे दामो पर मोरंग बिक्री करने के लिए पर्याप्त भंडारण कर लिया। वैसे तो खनन विभाग से भंडारण के लाइसेंस धारी 34 हैं। मगर ललौली थाना क्षेत्र, किशनपुर व धाता थाना क्षेत्र, बिंदकी, हुसेनगंज व चौडगरा के करीब सैकड़ो भंडारण मौजूद हैं। जहां खनन विभाग की मिलीभगत व प्रशासनिक उदासीनता के कारण चोरी से बिक्री किये जा रहे हैं।

हालांकि जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे के निर्देश पर जिले की तीनों तहसीलों से लगभग आधा दर्जन से अधिक डंप सीज किये गए हैं। मगर अभी भी दर्जनो अवैध भण्डारणो पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। जबकि खनन कारोबारियों द्वारा लाइसेंस लेकर लगवाए गए वैध डंप भी मानक से दो गुना तीन गुना तक अधिक हैं उन पर भी जांच से अधिक आगे बढ़ने में प्रशासन लगभग असफल साबित हो रहा है। उससे भी शर्मनाक स्थिति यह है कि एक वर्ष बीतने के बावजूद पुलिस व प्रशासन सरकारी भण्डारणो से मोरंग चोरी करने वालो की गिरफ्तारी करवाने में नाकाम साबित हुआ है।

बता दें कि बीते वर्ष हुसेनगंज थाना क्षेत्र के बेरागढीवा में अवैध तरीके से लगे 33 डंप खनन विभाग व पुलिस की टीम ने सीज किये थे। जिसे सीज करने के बाद हुसेनगंज पुलिस की अभिरक्षा में दे दिया गया था जहां से पुलिस अभिरक्षा के दौरान सरकारी भण्डारण हुसेनगंज पुलिस की मिलीभगत से चोरी हो गए थे जिसे दैनिक भास्कर ने लगातार प्रकाशित किया और तत्कालीन प्रशासन के मोरंग प्रेम को जगजाहिर किया। जिसके बाद शासन ने पूरे प्रकरण को संज्ञान लेकर हुसेनगंज थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष निशिकांत राय को निलम्बित कर दिया और पूरे प्रकरण में एफआईआर पंजीकृत करवाकर मोरंग चोरों की गिरफ्तारी करने के डीएम व एसपी को निर्देश दिए। शासन की सख्ती के बावजूद, फर्जी असलहे लगाकर अधिकतर गुडवर्क दिखाने वाली पुलिस असल मोरंग चोरों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। बताते हैं कि मामले के विवेचक एसआई प्रवीण ने 12 मोरंग चोरों का नाम प्रकाश में लाने के बाद, उनसे व अन्य मोरंग चोरी करने वाले लोगो से मजबूत सेटिंग कर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया।

वैसे तो पुलिस एक मोबाइल चोर को भी पकड़कर फ़ोटो खिंचवाकर बड़ा खुलासा करने का दावा करती है मगर सफेदपोशो से संरक्षित, सरकारी राजस्व को चूना लगाने वाले मोरंग चोरों को गिरफ्तार करने में अक्षम साबित हुई है। इधर एक माह से मोरंग के 34 वैध लाइसेंस धारियों की जांच प्रशासन ने करवाई जिसमें 13 भण्डारणो में अधिक मोरंग डंप करने का आरोप है। जांच टीम ने दो गुना तीन गुना मोरंग जांच में पाई है जिनकी जांच लगभग एक माह से चल रही है मगर प्रशासन अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है ऐसे में मोरंग माफियाओ पर प्रशासन की मेहरबानी का कारण समझ से परे है। इस बाबत एसपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि मोरंग चोरी के मामले की विवेचना जारी है जल्द ही मोरंग चोरी करने वालो को जेल भेजा जाएगा।

Next Story