उत्तर प्रदेश

फ्री सफर होगा खत्म, जानिए अब कितना देना होगा टोल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर

फ्री सफर होगा खत्म, जानिए अब कितना देना होगा टोल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर
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दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर अब टोल टैक्स देना होगा। काशी टोल प्लाजा पर इसके लिए तैयारी तेज हो गई हैं। एनएचएआई की ओर से टोल प्लाजा का ठेका पाथ इंडिया को दिया गया है। सोमवार को कंपनी के प्रोजेक्ट कांट्रेक्टर रविंद्र कुमार और प्रोजेक्ट मैनेजर टोल प्लाजा का जायजा लेने पहुंचे। अब बुधवार को कंपनी के अधिकारी, एनएचएआई की टीम के साथ ट्रायल करेंगे। उसके बाद टोल पर वसूली शुरू कर दी जाएगी तब तक टोल की दरें फाइनल हो जाएंगी।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर करीब सात महीने से मेरठ से दिल्ली का सफर हो रहा है। अप्रैल-2020 से लोग मेरठ से दिल्ली वाया एक्सप्रेसवे फ्री सफर कर रहे हैं। हालांकि टोल प्लाजा बनकर तैयार हो चुका है। काशी टोल प्लाजा शुरू होते ही दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर दुपहिया और तिपहिया वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे स्थित काशी टोलप्लाजा पर वसूली शुरू होते ही वाहनों की संख्या में कमी आ जाएगी। टोल शुरू होने के बाद एनएच-58 पर वाहनों की संख्या में इजाफा हो जाएगा। अरविन्द कुमार, प्रोजेक्ट मैनेजर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे बताते हैं कि टोल वसूली की कार्रवाई अंतिम चरण में है। 15 नवंबर के आसपास टोल प्लाजा शुरू होने की उम्मीद है। प्रक्रिया चल रही है

पाथ इंडिया कंपनी टोल प्लाजा पर करीब 100 कर्मचारी तैनात करेगी, जो तीन शिफ्ट में काम करेंगे। 8-8 घंटे की डयूटी होगी। 10 नवंबर को पाथ इंडिया के अधिकारी ट्रायल लेंगे। उसके बाद कभी भी टोलप्लाजा का उद्घाटन करा दिया जाएगा। जीआर इंफ्रा प्रोजेक्टस लिमिटेड के इंजीनियरों का कहना है कि काशी टोल-प्लाजा की साफ सफाई शुरू कर दी गई है। जल्द ही उद्घाटन कराने की योजना तैयार कर ली गई है।

ये है प्रस्तावित दर

2.34 रुपये प्रति किमी

सरायकाले खां से मेरठ - 59.77 किमी

कुल शुल्क - 140 रुपये

गाजियाबाद से मेरठ -95 रुपये

डासना से मेरठ -60 रुपये

दिल्ली से मेरठ तक व्यावसायिक वाहन

हल्के व्यावसायिक वाहन - 225 रुपये

बस और ट्रक - 470 रुपये

थ्री एक्सल वाहन - 515 रुपये

छह से अधिक एक्सल वाहन - 900 रुपये

चार से छह एक्सल वाहन - 740 रुपये

इस महीने से टोल शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि, अभी दर क्या होंगी इस पर कुछ परिवहन मंत्रालय की अनुमति के बाद ही कहा जा सकता है - अरविंद कुमार, परियोजना निदेशक, एनएचएआई

सुजीत गुप्ता

सुजीत गुप्ता

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