गाजियाबाद

तबादले के बाद थाना प्रभारी के निलंबन पर भड़के लोनी विधायक, एसएसपी पर दागे ये 5 तीखे सवाल

सुजीत गुप्ता
17 Nov 2021 9:43 AM GMT
तबादले के बाद थाना प्रभारी के निलंबन पर भड़के लोनी विधायक, एसएसपी पर दागे ये 5 तीखे सवाल
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जानिए क्या है विधायक नंदकिशोर गुर्जर के पुलिस कप्तान और देहात एसपी से सवाल?

गाजियाबाद। तबादले के बाद थाना प्रभारी के निलंबन पर भड़के लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर, एसएसपी पर दागे पांच तीखे सवाल, कसा तंज कहा निलंबन की कार्यवाही के बाद गौतस्करों और अपराधियों के हौसले बुलंद होने पर देता हूं बधाई, कहा जल्दबाजी में तबादले के बाद स्वंय पर उठ रहे सवाल से बचने के लिए एसएसपी ने कराया तस्करा लीक जिससे बन सके निलंबन का आधार, लगाया सनसनीखेज आरोप।

विधायक ने कहा - एसएसपी और एसपी देहात ने तबादले से हो रही किरकिरी से बचने के लिए भाजपा और हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों का नाम लेने और गौतस्कर सलीम पहलवान और उसके बेटों को बचाने के लिए बनाया था दबाव, मना करने पर फर्जी तस्करा लीक में फंसाकर बनाया गया निलंबन का आधार, कहा जनपद में गौहत्या के बढ़ते मामले पर क्या एसएसपी और एसपी देहात अपने खिलाफ दर्ज कराएंगे तस्करा, एनकाउंटर के बाद एसपी देहात और एसएसपी को टीवी पर आने का मौका नहीं मिलने और संगठनों द्वारा थाना प्रभारी के सम्मान से ईर्ष्याभाव के कारण की गई कार्यवाई, एनकाउंटर पर अगर एसएसपी और एसपी देहात हो है संदेह तो उन्होंने अपने जीवन में भी किए होंगे फर्जी एनकाउंटर, कहा लोनी में एसपी देहात ने पिछले दिनों ट्रोनिका सिटी में भी गौरक्षक बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाकर गौतस्करों को छोड़ा, इस निर्णय से गौतस्करों के संरक्षक के रूप में कार्य कर रहे एसएसपी ने प्रदेश पुलिस और सरकार की साख खराब कर जनपद के सत्यनिष्ठ और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारियों का मनोबल गिराने का किया है महापाप..

जानिए क्या है विधायक नंदकिशोर गुर्जर के पुलिस कप्तान और देहात एसपी से सवाल?

1. गौतस्करों के सरगना सलीम पहलवान जिसके गौदाम में लंबे समय से गौहत्या हो रही थी। उसका नाम मुकदमे में दर्ज न करने के लिए थाना प्रभारी पर दबाव क्यों बनाया गया? आपकी बात न मानने पर जल्दबाजी में पहले तबादला फिर निलंबन किसके दबाव में किया गया? जबकि आपने कहा था यह रूटीन में तबादला हुआ है।

2. निलंबित करने का एक कारण आपने तस्करा लीक करने पर, गोपनियता भंग करने का अरोप लगाते हुए बताया है जबकि तस्करा थाना प्रभारी के घर चले जाने के बाद लीक हुआ जिसकी जिम्मेदारी पुलिस कप्तान होते हुए आपकी थी कि थाने से किसने लीक किया, उसकी जांच कर, कार्यवाही की जाती लेकिन यह तस्करा आपके द्वारा तबादले के बाद हो रही अपनी किरकिरी से नाराज होकर कराया गया जिससे थाना प्रभारी को निलंबन करने का आधार बनाकर, अपना गुस्सा उतारा जा सके। क्या आप तस्करा लीक होने और जनपद में बढ़ती हुई गौहत्या के लिए स्वंय को जिम्मेदार मानते हुए अपने खिलाफ कार्यवाही के लिए तस्करा दर्ज कराएंगे? यदि नहीं तो आपको गौतस्करों का संरक्षण क्यों न माना जाए?

3. आपके एवं एसपी देहात के द्वारा भाजपा नेताओं और हिंदू संगठनो से जुड़े लोगों का नाम इस प्रकरण में घसीटने के लिए थाना प्रभारी राजेंद्र त्यागी पर दबाव किसके कहने पर बनाया गया? क्या थाना प्रभारी राजेंद्र त्यागी के लिए न्याय की बात करने और गौतस्करों पर कार्यवाही की मांग करने के कारण मुझसे व्यक्तिगत रंजिश रखते है? या फिर किसी बड़े गौतस्कर का दबाव है?

4. जांबाज थाना प्रभारी श्री राजेंद्र त्यागी द्वारा किए गए एनकाउंटर पर आप इसलिए नाराज थे कि आपको और एसपी देहात को सूचना नहीं दी गई और आप दोनों को पूर्व की तरह टीवी पर आने और सम्मानित होने का मौका नहीं मिला? मेरा मानना है सूचना देकर तो फर्जी एनकाउंटर किए जाते है अचानक पुलिस पर हमला हो जाने के बाद वो अपनी जान बचाएं या आपसे फोन पर अनुमति लें। अर्थात अभी तक आपने व एसपी देहात ने अपने जीवन में फर्जी एनकाउंटर किए है?

5. क्या आपके उक्त कृत्यों से उत्तर प्रदेश पुलिस की साख नहीं गिरी है? क्योंकि जिस थाना प्रभारी का ट्रेक रिकॉर्ड साफ-सुथरा रहा है और जान जोखिम में डालकर इतना बड़ा एनकाउंटर कर प्रदेश सरकार की देशभर में साख बढ़ाई है, उसे सम्मानित न कर, उसको सम्मानित होता देख, ईर्ष्याभाव से ग्रस्त होकर एवं गौतस्करों के दबाव में यह कार्यवाही नहीं की गई है?

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