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- डॉ कनिष्क ने शुरू की...
आज जब पूरी दुनिया की नजर ओलंपिक खेलों की ओर लगी हुई है तब किसी का अपने देश में सभी लोगों में खेलों के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने के लिए अभियान चलाना एक महत्वपूर्ण बात है। अपने देश में खेलों के प्रति साक्षरता का आंकड़ा आज
भी चिंतनीय है। क्योंकि यह आंकड़ा केवल पांच प्रतिशत है और महिलाओं के बीच मात्र 2.5 प्रतिशत है। ऐसी हालत में लोगों को खेलों के प्रति साक्षर बनाए ओलंपिक में अपने देश की प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराना मुश्किल है। ऐसी स्थिति में देश के लोगों को खेलों के प्रति साक्षर बनाने के लिए स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाइफ नाम की संस्था की पहल काबिलेतारिफ है। संस्था के अध्यक्ष डॉ कनिष्क पांडेय देश में खेलों के प्रति जागृति के लिए बैठे बैठे केवल चिंता नहीं जता रहे हैं बल्कि एक अनूठी और अपूर्व कोशिश कर रहे हैं।
डॉ कनिष्क पांडेय की पहल से लोगों को खेलों के प्रति साक्षर बनाने के लिए पिछले नौ जुलाई से उत्तर प्रदेश के गांव गांव में एक सुसज्जित खेल वाहन घूम रहा हैै। गाजियाबाद से शुरू हुई खेल जागृति वाहन यात्रा अब उन्नाव,कानपुर देहात,कानपुर नगर और जालौन होते हुए 8 अगस्त को मध्यप्रदेश के भोपाल पहुंचेगी। फिर उत्तर प्रदेश की तरह मध्य प्रदेश के भी गांव गांव और कस्बे कस्बे में खेल जागृति वाहन घूमेगा। इस वाहन को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश कुमार शर्मा ने हरी झंडी दिखा कर मध्य प्रदेश के लिए रवाना किया है। उप मुख्यमंत्री डॉ शर्मा ने स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाइफ के विज़न से सहमति जताते हुए कहा है कि जब तक लोग खेलों के बारे में जानेंगे नहीं और खेलों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखेंगे नहीं, तब तक अपने देश में खेल संस्कृति विकसित नहीं होगी।
अपने अभियान के बारे में डॉ कनिष्क बताते हैं कि लखनऊ में खेल के मैदानों की स्थिति पर एक शोधपरक रिपोर्ट भी तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही उत्तरप्रदेश सरकर को सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था से देश के विख्यात खिलाड़ी जुड़े हैं, जिनमें अर्जुन पुरस्कार,द्रोणाचार्य पुरस्कार और खेल रत्न पुरस्कार से पुरस्कृत खिलाड़ी हैं। इनमे कुछ वे खिलाड़ी भी ही जो ओलंपिक से भी जुड़े हुए हैं।
गौरतलब है कि खेल साक्षरता के लिए घूम रहे वाहन को कई तरह की नई तकनीक से जोड़ा गया है। वाहन में एल सी डी स्क्रीन भी लगा हुआ है, जिस पर यात्रा के दौरान खेल सम्बन्धी फिल्में ग्रामीणों को दिखाई जाती है। साथ ही खेलों के बारे में पुस्तिकाएं और कलेंडर भी ग्रामीण बच्चों के बीच वितरित किए जाते हैं। इसके अलावा खुद डॉ कनिष्क बच्चों को खेल के बारे में विस्तार से संबोधित करते रहते हैं।
बैडमिंटन खिलाड़ी के रूप में प्रसिद्ध डॉ कनिष्क की मांग है कि जनपद के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के लिए आरक्षित भूमि पर खेल सुविधाओं का विकास किया जाए।स्थापित खेल प्रतिष्ठानों को पुनर्जीवित किया जाए। प्रसिद्ध खिलाड़ियों की प्रतिमाएं लगाई जाएं और सड़कों का नामकरण किया जाए। जिले में एक गांव को आदर्श खेल गांव घोषित किया जाए। बच्चों के बीच खेल वर्णमाला वाली पुस्तकों का वितरण किया जाए।