गाजियाबाद

7 लोगों की हत्याओं से दहल गया था गाजियाबाद, 9 साल बाद कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा, जानें- क्या है पूरा मामला

Shiv Kumar Mishra
1 Aug 2022 11:40 AM GMT
7 लोगों की हत्याओं से दहल गया था गाजियाबाद, 9 साल बाद कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा, जानें- क्या है पूरा मामला
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अरुण चंद्रा

गाजियाबाद: गाजियाबाद में 9 साल पहले हुए उस नरसंहार में न्याय का इंतजार खत्म हो गया है, जिसमें कारोबारी के परिवार की 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी। लूट के इरादे से पूरे परिवार को मौत के घाट उतार देने वाले ड्राइवर राहुल वर्मा को ईसी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश की अदालत में फांसी की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने कहा कि परिवार के 7 सदस्यों की हत्या की घटना दुर्लभतम श्रेणी की अपराध है।

कोर्ट ने शनिवार को राहुल को दोषी करार दिया था और सजा पर बहस के लिए 1 अगस्त की तारीख तय की थी। 21 मई 2013 को घंटाघर नई बस्ती मोहल्ले में इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया गया था। कारोबारी सतीश गोयल का ड्राइवर राहुल वर्मा नरसंहार को अंजाम देने के बाद लाखों रुपए के गहने और नकदी लेकर भागा था। वह करीब 9 साल से डासना जेल में बंद है।


कैसे वारदात को दिया था अंजाम

घंटाघर कोतवाली क्षेत्र में 21 मई 2013 की रात सनसनीखेज घटना हुई थी। घंटाघर नई बस्ती मोहल्ले में रहने वाले बुजुर्ग कारोबारी सतीश गोयल और उनके पूरे परिवार की चाकू से गोद कर हत्या कर दी गई थी। मृतक कारोबारी के दामाद सचिन मित्तल ने कोतवाली थाने में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्याकांड का मुकदमा दर्ज कराया था। मृतकों में कारोबारी सतीश गोयल,उनकी पत्नी मंजू गोयल, पुत्र सचिन गोयल, पुत्र वधू रेखा गोयल और तीन पौत्र पौत्री शामिल थे।


15 दिन पहले लेकर भागा था रुपए, लौटा तो सबकी हत्या

वारदात के बाद पुलिस ने विवेचना शुरू की और घटना के 10 दिन बाद सनसनीखेज हत्या के आरोप में राहुल वर्मा को घटना के अगले दिन ही 22 मई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने राहुल के पास से छह हजार रुपए नगद और सोने चांदी के लाखों के जेवरात बरामद किए थे। कोतवाली पुलिस ने दो दिन बाद 24 मई को हत्यारे राहुल वर्मा को पुलिस रिमांड पर लेकर हत्या में प्रयुक्त चाकू और खून से सने कपड़े भी बरामद किए। राहुल वर्मा कारोबारी का कार चालक था। राहुल घटना से करीब 15 दिन पहले कारोबारी सतीश गोयल के घर से साढ़े चार लाख रुपए चोरी कर फरार हो गया था। तब से नौकरी पर नहीं आ रहा था।

25 लाख की नगदी मिलने के इरादे से किया वारदात

पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता देवराज सिंह ने बताया कि 22 मई 2013 को सतीश चंद्र गोयल की किडनी ट्रांसप्लांट होनी थी। राहुल को इसके बारे में जानकारी थी। उसे अनुमान था कि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए घर में रखे 25 से 30 लाख रुपए मिल सकते हैं। इसी इरादे से राहुल ने 21 मई की रात वारदात को अंजाम दिया था

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