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Ghaziabad Rapid Rail Corridor: गाजियाबाद में रेपिड रेल तय समय पर ही दौड़ेगी

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Ghaziabad Rapid Rail Corridor: गाजियाबाद रैपिड रेल कॉरिडोर में यात्रियों को बिल्कुल सटीक समय पर ट्रेन मिलेगी। वहीं, अत्याधुनिक यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ईटीसीएस) की मदद से प्लेटफार्म पर यात्रियों की सुरक्षा और पुख्ता होगी। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) की ओर से ईटीसीएस प्रणाली का सफल परीक्षण किया गया। अत्याधुनिक सिग्नल प्रणाली को दुहाई डिपो में मुख्य ट्रेन टेस्ट ट्रैक पर जांचा गया। तकनीक की मदद से सभी रैपिड स्टेशनों के प्लेटफार्म पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाए जा रहे प्लेटफार्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) ऑटोमेटिक रूप से संचालित होंगे।
सिग्नल सिस्टम को पीएसडी से एकीकृत किया जाएगा। एनसीआरटीसी अधिकारियों ने दावा किया कि ईटीसीएस लेवल-दो सिग्नल सिस्टम एलटीई नेटवर्क पर आधारित विश्व का पहला सिग्नलिंग सिस्टम है। दुहाई डिपो में सोमवार में एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह के साथ निदेशकों व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में टेस्ट ट्रैक पर किए गए डायनमिक टेस्टिंग में सिग्नलिंग प्रणाली को परखा गया। रैपिड रेल में सवार होकर सिग्नल प्रणाली की सटीकता को जांचा गया।
भविष्य के कॉरिडोर में आसान होगी आवाजाही
आधुनिक यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम सिग्नल दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बाद भविष्य के कॉरिडोर में आवाजाही को आसान बनाएगा। सिस्टम की मदद से रैपिड रेल दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के बाद आगे प्रस्तावित दूसरे दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी अलवर और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर आसानी से आपस में जुड़ जाएंगे। तकनीक रैपिड रेल की अधिकतम 180 किमी प्रति घंटे की डिजाइन गति के बिल्कुल उपयुक्त है। ऐसे में ट्रेनों आसानी से एक से दूसरे कॉरिडोर पर यात्रा सुनिश्चित कर सकेंगी।
फोर-जी एलटीई संचार से गलती की संभावना शून्य
आधुनिक यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम विश्व की सबसे आधुनिक सिग्नल तकनीक में से एक है। यह सिस्टम फोज-जी नेटवर्क में एलटीई संचार तकनीक पर चलता है। यूरोपियन मानकों के तहत बनी इस हाइब्रिड सिग्नल प्रणाली का देश में पहली बार इस्तेमाल किया जा रहा है। इस प्रणाली की सटीकता इसकी खासियत होती है। जिससे किसी प्रकार की गलती की संभावना न के बराबर रह जाती है। एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया कि यूरोपियन स्टैंडर्ड की सिग्नल प्रणाली यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का अहसास कराएगी। किसी भी मौसम में प्रणाली प्रभावित नहीं होगी। इसकी मदद से ऊर्जा की बचत होने के साथ ट्रेनों का समय पर संचालन सुनिश्चित होगा।




