गाजियाबाद

गाजियाबाद: सूटकेस में मिली लाश अब किसकी, जिंदा घर पहुंची वरीशा, हैरान करनी वाली बनी कहानी

Shiv Kumar Mishra
3 Aug 2020 3:39 PM GMT
गाजियाबाद: सूटकेस में मिली लाश अब किसकी, जिंदा घर पहुंची वरीशा, हैरान करनी वाली बनी कहानी
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आखिर कैसे माँ और भाई थे जो अपनी बेटी और बहन के शव को भी नहीं पहचान पाए, जबकि इस केस में तीन लोग जेल में भी बंद है. आखिर जिम्मेदार कौन?

गाजियाबाद में 27 जुलाई को सुबह सुबह थाना साहिबाबाद क्षेत्र की दशमेश कॉलोनी के पास एक सूटकेस में एक अज्ञात महिला का शव बरामद हुआ था. चूँकि लाश लावारिश थी तो इस शव का सोशल मीडिया में फोटो वायरल किया गया. क्योंकि सब अज्ञात था तो मृतका की शिनाख्त होना बहुत जरूरी था. उसके साथ साथ गाजियाबाद एसएसपी ने आसपास के राज्यों और पास पड़ोस के जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क साधा, मृतिका के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल द्वारा कराया गया और उसका पंचायत नामा भी मजिस्ट्रेट द्वारा भरा गया था तथा पुलिस द्वारा उक्त मृतिका का डीएनए परीक्षण हेतु रिपोर्ट देकर डीएनए सर सुरक्षित कराया गया था.

उसी समय इस घटना में एक नया मोड़ आया इस फोटो को देखकर बुलंदशहर का इस्माइल थाना साहिबाबाद आया और बताया कि जो शव मिला है वह मेरी बहन वरीशा का है. जिसको देखकर मैं पूरी तरीके से शिनाख्त करना चाहता हूं. उसकी इस बात पर पुलिस उनके साथ आए सभी परिजनों के लेकर मोर्चरी गई और मोर्चरी का गेट खुलवा कर महिला की शिनाख्त कराई. वहां मृतका के भाई के रूप में मौजूद इस्माइल, उनकी मां व अन्य परिजनों ने उस लावारिस महिला की पहचान अपनी बहन और बेटी वरीशा के रूप में की थी. इस्माइल ने यह भी बताया कि उसकी बहन की शादी आमिर खान पुत्र मुस्लिम निवासी इस्लामाबाद थाना कोतवाली नगर बुलंदशहर के साथ हुई थी और वह 23 जुलाई से लापता है. उसके लापता होने के संबंध में मैंने कोतवाली बुलंदशहर में सूचना दे रखी है. जिसकी गुमशुदगी थाने में दर्ज है और 25 जुलाई को कोतवाली बुलंदशहर में इसकी एक तहरीर भी दे दी गई है

इस्माइल के परिजन कोतवाली बुलंदशहर पहुंचे अपनी बहन की शिनाख्त के विषय में कोतवाली बुलंदशहर पर एक और तहरीर दी और वहां पर दहेज हत्या का अभियोग पंजीकृत कराते हुए ससुराल पक्ष के खिलाफ केस दर्ज करा दिया. इस केस की विवेचना क्षेत्राधिकारी नगर बुलंदशहर द्वारा की जा रही थी. क्षेत्राधिकारी नगर बुलंदशहर ने 28 जुलाई को मुकदमा के उपरोक्त वादी उसकी मां व अन्य परिजनों के साथ कोतवाली क्षेत्र की मोर्चरी पर पहुंचकर एक बार पुनः शव की शिनाख्त इस्माइल द्वारा कराई और कथित मृतका के परिजनों के द्वारा बताया गया यह मेरी लड़की का शव है इसके बाद क्षेत्राधिकारी बुलंदशहर ने आगे की कार्रवाई शुरू की.

अब 3 अगस्त को इस घटना में एक नया मोड़ आता है. क्षेत्राधिकारी नगर बुलंदशहर को बताया गया कि वरीक्षा के भाई इस्माइल और उसकी माता श्रीमती बूंदों के द्वारा जिस शव की पहचान की गई थी वह गलत थी. सूटकेस में मिली लाश अब वरीशा की नहीं है. अतः सूटकेस में मिले महिला के साथ के संबंध में थाना साहिबाबाद पर धारा 302 बच्चे एक में जो केस दर्ज है उसकी विवेचना अब वही की जाएगी लेकिन इस केस में व रीता के ससुराल पक्ष के कई लोग इस दौरान जेल जा चुके हैं और इस पूरे प्रकरण में गाजियाबाद पुलिस भी शिनाख्त के बाद अब आए बोर्ड से परेशान नजर आ रही है आखिर सूटकेस में मिली लाश है किसकी?



गाजियाबाद पुलिस हैरान आखिर माँ और भाई पहचान कैसे भूले

बीती 27 जुलाई को गाजियाबाद के साहिबाबाद में सूटकेस में युवती की लाश मिली थी। जिसको लेकर पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया था. पुलिस ने तुरंत पूरे प्रकरण की छनबीन शुरू कर दी. जिसके बाद पुलिस को पता चला की ये महिला बुलंदशहर की निवासी है और वहां उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज है. सूटकेस में मिली महिला के शव के संबंध में उसके परिजनों ने शिनाख्त की थी और मृत महिला के भाई ने बताया की ये लाश उसकी बहिन की है. वरीशा की मां द्वारा चिकित्सा अधिकारी व पुलिस के सामने दी गई तहरीर जिसमें उसने स्वयं पहचाना है कि मृतका उसकी बेटी है. दहेज़ हत्या में बुलंदशहर पुलिस ने 28 जुलाई को तीन ससुरालवाले जेल भेज दिए. अब पता चला कि वरीसा जिंदा है. पुलिस ने अलीगढ़ से असली वरीसा को बरामद किया.



अब गाजियाबाद में दर्ज होगी एफआईआर

इसके अलावा क्योंकि एफआईआर बुलंदशहर में दर्ज थी. अतः उसके विवेचक ने विवेचना में परिजनों द्वारा गलत शिनाख्त करना पाया है. अतः क्षेत्राधिकारी बुलंदशहर की रिपोर्ट के आधार पर जनपद गाजियाबाद में ही फ्रेश एफआईआर अंतर्गत धारा आईपीसी 302 दर्ज की जा रही है.

इस पूरे मामले में एसपी सिटी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि पूर्व में वरीशा के भाई व परिजनों द्वारा मृतिका की गलत शिनाख्त करते हुए मीडिया को जानकारी दी गई थी जो अब मुकर गया है.



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