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विवादों में रहने का प्रमुख कारण जलभराव और गंदगी के अलावा भवनों का जर्जर हालत में होना है। यहां तीन मंजिला निर्बल आय वर्ग के करीब 2274फ्लैट जीडीए ने 25 साल पहले बनाए थे।
गाजियाबाद/ साहिबाबाद मनोज कुमार
जिले के थाना साहिबाबाद क्षेत्र की तुलसी निकेतन पुलिस चौकी के ठीक सामने जीडीए द्वारा बसाई गई तुलसी निकेतन आवासीय कॉलोनी की हालत गाजियाबाद जिले में सबसे ज्यादा दयनीय है। यहां के ज्यादातर फ्लैट जर्जर है और कब क्या बड़ा हादसा हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। आज बृहस्पतिवार को पहली बार जीडीए ने एक मुकम्मल कार्रवाई करके अत्यंत जर्जर स्थिति में आए 16फ्लैटों को खाली करा लिया है। यह डीडीए की सबसे पहली का कार्रवाई है।
जानकारी के अनुसार शुरू से लेकर आज तक तुलसी निकेतन कॉलोनी विवादों में रही है। विवादों में रहने का प्रमुख कारण जलभराव और गंदगी के अलावा भवनों का जर्जर हालत में होना है। यहां तीन मंजिला निर्बल आय वर्ग के करीब 2274फ्लैट जीडीए ने 25 साल पहले बनाए थे। यहां जल मल , सफाई पेय जल की व्यवस्था समुचित तरीके से नहीं की गई। इस कारण इन फ्लैटों की हालत और इनमें रहने वाले लोगों की दशा बिगड़ती ही चली गई। अनेकों आंदोलन हुए जनप्रतिनिधियों ने और अधिकारियों ने आश्वासन दिए लेकिन कुछ नहीं हुआ। कुछ वर्ष पहले जीडीए ने अपनी ओर से इनकी मरहम-पट्टी जरूर करायी थी।
नोएडा एवं गाजियाबाद में इस वर्ष हुई बरसात के कारण गिरे मकानों की घटनाओं को लेकर पहली बार जीडीए ने तुलसी निकेतन कॉलोनी की ओर ध्यान दिया है और यहां के 16 जर्जर फ्लैटों को अनिष्ट की आशंका को देखते हुए खाली करा लिया है। हालांकि यहां के आधे से ज्यादा फ्लैटों की हालत खराब है लेकिन अभी जीडीए ने केवल 16 फ्लैटों को खतरनाक माना है ।अब देखना यह है के इन जर्जर फ्लैटों के मामले में जीडीए अग्रिम क्या कार्रवाई करता है। इसके अलावा जिन लोगों के फ्लैट खाली कराए गए हैं उनके लिए क्या आश्रय मिलता है यह देखना है।सभी लोगों का ध्यान जीडीए की उपाध्यक्ष और जिलाधिकारी गाजियाबाद रितु महेश्वरी की ओर है।
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