गाजियाबाद

4.5 साल में बने गाजियाबाद में सिर्फ 240 पीएम आवास, और मिला एक को भी नहीं

Shiv Kumar Mishra
18 July 2022 4:53 PM GMT
4.5 साल में बने गाजियाबाद में सिर्फ 240 पीएम आवास, और मिला एक को भी नहीं
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गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ( जीडीए ) साढ़े चार साल में सिर्फ 240 पीएम आवास का निर्माण पूरा कर पाया है। इनमें से मिला किसी को नहीं है, क्योंकि आवंटन में धांधली की शिकायत के बाद सीबीआई जांच चल रही है। इससे पहले निर्माण में देरी के कारण आवंटन नहीं हो पा रहा था। गरीब जीडीए के अफसरों से पूछ रहे हैं कि उनके घर का सपना कब पूरा होगा? जवाब मिल रहा है, अभी इंतजार करो।

प्राधिकरण ने दो साल पहले फरवरी 2020 में गरीबों को 856 आवासों का आवंटन कर दिया था। तब कब्जा नहीं दिया गया, क्योंकि निर्माण अधूरा था। जैसे ही 240 मकान बनकर तैयार हुए और कब्जा देने की बारी आई, वैसे ही सीबीआई की जांच शुरु हो गई। इसके बाद जीडीए के अफसरों ने कह दिया कि सभी आवास का निर्माण पूरा हो जाने के बाद आवंटन किया जाएगा।

जिले में पीएम आवास के छह प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें मधुबन बापूधाम योजना में पहले प्रोजेक्ट में करीब 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। उसके बाद डासना के प्रोजेक्ट में 45 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। नूरनगर के प्रोजेक्ट में 25 फीसदी तो निवाड़ी के प्रोजेक्ट में अब तक केवल 15 फीसदी काम हुआ है। प्रताप विहार प्रोजेक्ट में भी 15 फीसदी काम हो पाया है। मधुबन बापूधाम योजना में पहले 856 भवनों के प्रोजेक्ट के अलावा डासना में कुल 426 पीएम आवास का निर्माण कार्य जारी है। वहीं, नूरनगर में 480 पीएम आवास, प्रताप विहार में 720 पीएम आवास और निवाड़ी में 528 पीएम आवास का निर्माण कार्य जारी है।

निजी बिल्डरों के छह प्रोजेक्ट में 2785 भवन

जीडीए की ओर से अपने के साथ निजी बिल्डरों की ओर से छह प्रोजेक्ट में 2785 भवन शामिल हैं। बिल्डरों के पीएम आवास के प्रोजेक्ट राजनगर एक्सटेंशन में है। सबसे पहले एसीसी बिल्ड के पीएम आवास प्रोजेक्ट में 252 भवन, महालक्ष्मी बिल्डर के प्रोजेक्ट में 946, एटीएस के प्रोजेक्ट में 789, जय अंबे बिल्डर के प्रोजेक्ट में 147 और अजनारा बिल्डर के प्रोजेक्ट में 318 पीएम आवास शामिल हैं। वहीं एक अन्य निजी बिल्डर के प्रोजेक्ट में 333 पीएम आवास हैं।

36 हजार से घटकर 8500 रह गया लक्ष्य

जनवरी 2018 में जीडीए को शासन से 36 हजार पीएम आवास का लक्ष्य मिला, जिसे 2019 में आते आते 19500 कर दिया। कृषि भूमि का भूउपयोग बदलने के प्रस्तावों को मंजूरी नहीं मिलने साथ जमीन की कमी से 2021 में यह लक्ष्य घटकर 8500 रह गया है।

छह माह में प्रोजेक्ट हो जाएगा पूरा

जीडीए मुख्य अभियंता राकेश कुमार गुप्ता का कहना है कि मधुबन बापूधाम पीएम आवास प्रोजेक्ट का काम छह माह में पूरा कर लिया जाएगा। फिर जनवरी 2023 में भवनों का एक साथ कब्जा दिया जाएगा। कोरोना की दो लहरों, किसानों के आंदोलन के कारण करीब डेढ़ साल काम प्रभावित रहा।

Shiv Kumar Mishra

Shiv Kumar Mishra

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