गाजियाबाद

गाजियाबाद का अजीबोगरीब मामला, क्या अब आपसी रंजिश निकालने का जरिया बनेंगी नुपुर शर्मा!

गाजियाबाद का अजीबोगरीब मामला, क्या अब आपसी रंजिश निकालने का जरिया बनेंगी नुपुर शर्मा!
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जब देश सांप्रदायिक वैमनस्यता के सबसे खराब दौर से गुजर रहा हो और हर समय मीडिया, सोशल मीडिया से लेकर एक आम चौपाल तक धार्मिक बहस का दौर चल रहा हो और नुपुर शर्मा प्रकरण पूरी तरह चर्चा में है तभी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के लोनी नगर से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसमें मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति ने अपने ही समुदाय के एक पड़ोसी को फंसाने के लिए उसी के नाम से किसी व्यक्ति को नुपुर शर्मा का समर्थन करने के कारण जान से मारने की धमकी का पत्र स्पीड पोस्ट से भेज दिया। मामले में मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस ने जांच शुरू कर दी। जांच में चौंकाने वाली जानकारी मिली तथा ये पूरी बात का खुलासा हुआ।

इस घटना से समाज के गंभीर लोगों में चिंता फैलनी अनिवार्य है। क्या नुपुर शर्मा का समर्थन या विरोध लोगों को आपस में एक दूसरे से बदला लेने का जरिया भी बनेगा। समाज में बढ़ रही इतनी संवेदनहीनता के क्या परिणाम निकलेंगे इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है। समाज में बढ़ रही आपसी कटुता को लेकर न तो सरकार चिंतित है और न नेतागण। देश के नेतृत्व को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए कि इन घटनाओं से देश का नाम भी खराब होता है और आर्थिक तरक्की की राह में रुकावटें भी खड़ी होती हैं।

ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को अगली पीढ़ी की चिंता नहीं है कि वह उन्हें कैसा समाज और कैसा देश सौंप कर जाएंगे। यदि लोगों की सहनशीलता इतने नीचे स्तर पर पहुंच जाएगी तो भारत में रहना किसी मुसीबत से कम नहीं होगा। हमारे देश की अधिकांश जनता किसी न किसी धर्म में विश्वास करती है और स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि धर्म से ज्यादा किसी चीज ने भी मानवता का कल्याण नहीं किया। हम सब धार्मिक लोगों की तो जिम्मेदारी होनी चाहिए कि धर्म के जरिए समाज का उत्थान करें ना कि उसके पतन के लिए धर्म का प्रयोग करें।

माजिद अली खां

माजिद अली खां

माजिद अली खां, पिछले 15 साल से पत्रकारिता कर रहे हैं तथा राजनीतिक मुद्दों पर पकड़ रखते हैं. 'राजनीतिक चौपाल' में माजिद अली खां द्वारा विभिन्न मुद्दों पर राजनीतिक विश्लेषण पाठकों की सेवा में प्रस्तुत किए जाते हैं. वर्तमान में एसोसिएट एडिटर का कर्तव्य निभा रहे हैं.

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