गाजियाबाद

कार्यवाही से बचने और दर्ज केस में जेल जाने का डर व सरकारी जुर्माने से बचने के लिए लगाये बेबुनियाद आरोप - के के भडाना

Shiv Kumar Mishra
7 Sep 2020 9:11 AM GMT
कार्यवाही से बचने और दर्ज केस में जेल जाने का डर व सरकारी जुर्माने से बचने के लिए लगाये बेबुनियाद आरोप - के के भडाना
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महिला के आरोपों पर खोड़ा नगर पालिका परिषद के अधिशाषी अधिकारी ने कही ये बात

इस महिला लोकेश पत्नी जोगेंद्र राणा,निवासी आज़ाद विहार खोड़ा..के २ अवैध पानी के प्लांटों के विरुद्ध पालिका द्वारा कार्रवाई की गई थी ,क्योंकि यह महिला व्यावसायिक रूप से भूजल का अवैध दोहन करके पानी को नोएडा और दिल्ली में सप्लाई कर रही थी ।इसके अतिरिक्त सरकारी सड़कों को क्षतिग्रस्त करके,सरकारी सड़क में पानी की पाइप लाइन डाल के ,भूजल दोहन करके ,उसे नगर में विभिन्न स्थानों पर बनी,अपनी पाँच इमारतों में सप्लाई कर रही थी,इस कार्रवाई के दौरान सरकारी कार्य में बाधा डालने व सरकारी संपत्ति को छति ग्रस्त करके पानी की लाइन डालने और अवैध भूजल दोहन करने के आरोप में,इस महिला के पति जोगिंदर राणा और इसके देवर गजेंद्र राणा के ख़िलाफ़ थाना खोडा मे, पालिका द्वारा मुक़दमा भी दर्ज कराया गया था।


इसकी सभी इमारतें 5-5/6-6 मंज़िल बनी हुई है ,जो कि अवैध है और जिन पर पालिका द्वारा कार्रवाई चल रही है।इनकी मोहल्ला आज़ाद बिहार में ,एक निर्माणाधीन इमारत को ,पालिका नियमों का उल्लंघन कर बनाए जाने के कारण,पिछले साल अगस्त में पालिका द्वारा सील करने की कार्रवाई की गई थी और इनपर 1 लाख रुपये जुर्माना भी किया गया था,जो इनके द्वारा जमा नहीं कराया गया ।ये लोग इतने मनबढ़ है कि इनके द्वारा पालिका की सरकारी सील को कुछ दिन बाद खुर्दबुर्द कर दिया गया और निर्माण प्रारंभ कर दिया गया तो पालिका द्वारा पुनः इनपर 1 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया और बिल्डिंग को पुनः सील किया गया,इस जुर्माने को भी इनके द्वारा नहीं जमा कराया गया।


जनवरी २०२० माह में ,फिर इनके द्वारा चोरी से सरकारी सील को तोड़कर अवैध निर्माण प्रारंभ कर दिया गया ,तो पालिका द्वारा पुनः इसकी मकान को सील किया गया और पुनः ०1 लाख रुपये जुर्माना ,इस पर लगाया गया,इसको भी इनके द्वारा नहीं जमा कराया गया।सरकारी नियमों व सरकारी आदेशों की लगातार अवहेलना करने के ये लोग आदी हो गये हैं ।इनके द्वारा पालिका के नोटिसों का ना तो जवाब दिया जाता है और न ही सरकारी जुर्माना कुल अंकन 3,00,000 /-रुपये पालिका के सरकारी कोश में जमा कराया गया ,अपितु उल्टे सीधे आरोप लगाकर पालिका अधिकारियों और कर्मचारियों के ऊपर दबाव बनाने और उन्हें ब्लैकमेल करने का प्रयास किया जाता रहा है ।इनके द्वारा सरकारी जुर्माने की धनराशि को ,रिश्वत का नाम देकर ,अधिकारियों को दबाव में लेने का प्रयास किया जाता रहा है।


अभी कुछ दिन पहले ,इसके द्वारा पानी के अवैध प्लांट पर लगाई कई सरकारी सील को भी खुर्दबुर्द करके पानी की सप्लाई चालू कर दी गई,जिस पर पालिका द्वारा इस पर 50, हज़ार रुपये का जुर्माना भी किया गया और पानी की सप्लाई के लिए लगाए गए पाइप आदि को भी ज़ब्त किया गया है ।

पालिका कि उपरोक्त कार्रवाई से बचने व दर्ज मुक़दमे में गिरफ़्तारी से बचने और सरकारी जुर्माना न जमा करना पड़े ,इसलिए पेशबंदी के तहत,महिला को आगे करके ,इसके पति व देवर द्वारा मनगढ़ंत और झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं ,जिनमें कोई सच्चाई नहीं है ।

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