गाजियाबाद

UP Election 2022 : गाजियाबाद में बसपा ने बदला अपना कैंडिडेट, जानिए क्यों बदला उम्मीदवार और किसे मिला टिकट

Arun Mishra
20 Jan 2022 3:05 AM GMT
UP Election 2022 : गाजियाबाद में बसपा ने बदला अपना कैंडिडेट, जानिए क्यों बदला उम्मीदवार और किसे मिला टिकट
x
गाजियाबाद विधानसभा सीट पर बसपा ने पहले सुरेश बंसल को उम्मीदवार बनाया था.

UP Election 2022 : बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने गाजियाबाद में अपने एक उम्मीदवार को बदल दिया है. बसपा ने पहले सुरेश बंसल को उम्मीदवार घोषित किया था. अब उनकी जगह पर कृष्ण कुमार शुक्ल को टिकट दिया गया है. शुक्ल एक दिन पहले ही बीजेपी (BJP) छोड़कर बसपा में शामिल हुए हैं. वो गाजियाबाद में बीजेपी के पुराने नेता थे.

बसपा ने गाजियाबाद में क्यों बदला उम्मीदवार

पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि यह फैसला बंसल के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए लिया गया है. बंसल 2012 में गाजियाबाद से बसपा के टिकट पर जीते थे. बसपा ने उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद से उम्मीदवार भी बनाया था. उस समय बसपा का समाजवादी पार्टी से समझौता था. बंसल को बीमार पड़ने पर 13 जनवरी को कौशांबी के एक अस्पताल में दाखिल कराया गया था. वो कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. सांस लेने में तकलीफ की वजह से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया.

बसपा के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र जाटव ने इस बात की पुष्टि की. उन्होंने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से कहा कि बंसल अस्वस्थ हैं. उनकी जगह पर केके शुक्ल विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. मायावती के जन्मदिन पर पार्टी ने पहले चरण के जिन 53 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की थी उनमें बंसल का भी नाम शामिल था. इस लिस्ट में बंसल के अलावा गाजियाबाद जिले की लोनी सीट से हाजी अकील चौधरी, हाजी अयूब इदरीश को मुरादनगर और डॉक्टर पूनम गर्ग को मोदीनगर से टिकट दिया गया था.

केके शुक्ल ने क्यों छोड़ी बीजेपी

गाजियाबाद से बसपा के उम्मीदवार बनाए गए केके शुक्ल पिछले करीब 3 दशक से बीजेपी में थे. इस दौरान वो पश्चिम उत्तर प्रदेश में पार्टी के विभिन्न पदों पर रहे. लेकिन सोमवार को उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था. विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से वो नाराज थे. उन्होंने कहा कि 27 साल पार्टी की सेवा करने के बाद भी उनके जिले को उतना महत्व नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि शैक्षिणक संस्थानों का मामला हो या पानी की सप्लाई का या इंफ्रास्ट्रक्टचर मैंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इसकी जानकारी दी लेकिन मेरी विधानसभा को पिछले 5 साल में कुछ नहीं मिला. ऐसे में मेरे पास पार्टी छोड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 11 जिलों की 58 सीटों पर 10 फरवरी को मतदान कराया जाएगा. इनमें गाजियाबाद जिला भी शामिल है.

Next Story