गाजीपुर

जब काउंटिंग के दौरान डीएम गाजीपुर ने उम्मीदवारों की चाल से ही दी उन्हें मात, जबकि हार जीत के अंतर महज एक वोट था

Shiv Kumar Mishra
4 Sep 2020 3:55 AM GMT
जब काउंटिंग के दौरान डीएम गाजीपुर ने उम्मीदवारों की चाल से ही दी उन्हें मात, जबकि हार जीत के अंतर महज एक वोट था
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जबकि कांग्रेस उम्मीदवार के अंदर 1 वोट से दिलदारनगर विधानसभा से विधायक चुने गए.

वह चुनाव और सुब्रमण्यन केंद्रीय कैबिनेट सचिव रहे स्वर्गीय ई एस आर सुब्रमण्यन अपनी कलेक्ट्रेट श्री के समय का एक किस्सा अपने रिटायरमेंट तक नहीं भूले थे. जब भी ब्यूरोक्रेसी या पॉलिटिक्स पर बात चलती तो उन्हें 1967 का यूपी विधानसभा का चुनाव याद आ जाता था. यूपी कैडर के आईएएस रहे सुब्रमण्यन उस वक्त महज 29 साल के थे. तब यूपी के गाजीपुर जिले में बतौर जिला अधिकारी तैनात थे.

इस जिले में 1 सीट थी दिलदारनगर. कांग्रेस से केएन राय उम्मीदवार थे तो कम्युनिस्ट पार्टी से राम जी चुनाव लड़ रहे थे. यह वह दौर था जब उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में कम्युनिस्ट पार्टी का दबदबा हुआ करता था. इस सीट पर शुरू से चुनाव बहुत कांटे का माना जा रहा था और यह बात सच भी साबित हुई. इसका नतीजा महज 1 वोट से तय हुआ था. इतने नजदीकी मुकाबले में काउंटिंग के दौरान उतार चढ़ाव शुरू से दिखने लगे थे.

एक मौका ऐसा भी आया जब कांग्रेस के केएन राय पीछे चलने लगे तो वह अपने समर्थकों के साथ सुब्रमण्यन के कमरे में घुस आए और जोर-जोर से मतगणना में धांधली की शिकायत करने लगे. उनकी मांग थी काउंटिंग नए सिरे से शुरू कराई जाए सुब्रमण्यन ने कांग्रेस प्रत्याशी से लिख कर देने को कहा. जैसे ही उन्होंने एप्लीकेशन लिख कर दी उनका एक समर्थक बाहर से भागता हुआ आया और उनके कान में बताया कि अब आप आगे हो गए हैं. यह सुनते ही केएन राय ने अपना काउंटिंग जारी रखी जाए उन्हें कोई शिकायत नहीं है और वह बाहर जाने लगे लेकिन सुब्रमण्यन ने उन्हें ऐसे जाने नहीं दिया कहा कि पहले आप लिख कर दीजिए कि मैं काउंटिंग से पूरी तरह से संतुष्ट हूं अगर यह लिखकर नहीं दोगे तो मैं रिकाउंटिंग करवाऊंगा. केएन राय ने तुरंत लिखकर दे दिया कि वह चल रही काउंटिंग से पूरी तरह संतुष्ट है.

वह बाहर ही निकले थे कि कम्युनिस्ट पार्टी के राम जी अपने समर्थकों के साथ आ धमके. अब उनकी शिकायत थी कि काउंटिंग में बड़ी धांधली हो रही है. उन्होंने भी एप्लीकेशन लिख कर जिलाधिकारी सुब्रमण्यन को सौंप दी. जैसे ही उन्होंने एप्लीकेशन जिलाधिकारी को सुपुर्द की उसी समय उनका समर्थन भी बाहर से भागता हुआ आया और उनके कान में फुंसफुसा कर बोला कि आप किराए से आगे हो गए हैं. जो राम जी अभी सुब्रमण्यन से रिकाउंट की दरखास्त कर रहे थे. वह अब चक्कर में पड़ गए और रिकाउंटिंग के मना करने लगे जिलाधिकारी ने वही वाकिया राम जी के सामने रखा आप लिख कर दीजिए मैं काउंटिंग से पूरी तरह संतुष्ट हूं.

अब दोनों उम्मीदवार से डीएम सुब्रमण्यन ने यह लिखवा कर ले लिया था कि मैं काउंटिंग से पूरी तरह संतुष्ट हूं. जब काउंटिंग पूरी हुई तो राम जी एक वोट से चुनाव हार गए. काउंटिंग स्थल पर हंगामा शुरु हो चुका था. कम्युनिस्ट पार्टी के लोग रिकाउंटिंग की मांग पर अड़े थे लेकिन सी काउंटिंग का आदर इसलिए नहीं हो पा रहा था क्योंकि कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार श्री रामजी ने कुछ देर पहले ही जिलाधिकारी को लिखकर दे दिया था कि वह काउंटिंग से पूरी तरह संतुष्ट है और वह चुनाव 1 वोट से हार गए. जबकि कांग्रेस उम्मीदवार के अंदर 1 वोट से दिलदारनगर विधानसभा से विधायक चुने गए.

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