गोरखपुर

भूपेश बघेल पहुंचे गोरखनाथ मंदिर, कांग्रेस की जीत के लिए की पूजा-अर्चना

Sakshi
24 Feb 2022 9:32 AM GMT
भूपेश बघेल पहुंचे गोरखनाथ मंदिर, कांग्रेस की जीत के लिए की पूजा-अर्चना
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छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने कुछ कांग्रेस नेताओं के साथ गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में चार चरणों का मतदान हो चुका है। नेताओं-दलों ने अब पांचवें और छठवें चरण के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। एक-दूसरे पर जमकर जुबानी तीर छोड़े जा रहे हैं। कभी-कभी जुबानी जंग बेहद निचले स्‍तर तक पहुंच जा रही है लेकिन इस बीच सियासत के कुछ अलग रंग भी देखने को मिल रहे हैं। जैसे चुनावी गहमागहमी के बीच गुरुवार को छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने कुछ कांग्रेस नेताओं के साथ गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की। गौरतलब है कि प्रदेश के वर्तमान मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ मंदिर के पीठाधीश्‍वर हैं।

बता दें कि आज गुरुवार को भूपेश बघेल करीब 11:15 बजे मंदिर पहुंचे। उनके साथ कांग्रेस के राष्‍ट्रीय सचिव राजेश तिवारी, छत्‍तीसगढ़ कांग्रेस के नेता कुंवर सिंह निषाद, गोरखपुर के महानगर अध्‍यक्ष आशुतोष तिवारी और पार्टी नेता अनवर हुसैन थे। सीएम बघेल ने गुरु गोरखनाथ के मुख्‍य मंदिर में जाकर दर्शन और पूजन-अर्चन किया। इसके बाद कांग्रेस प्रत्‍याशियों के पक्ष में जनसभा के लिए महाराजगंज रवाना हो गए। बुधवार को उन्‍होंने गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा के सेंदुली-बेंदुली क्षेत्र में सभा के दौरान भाजपा पर जमकर निशाना साधा था। सभा में उन्‍होंने छुट्टा पशुओं और किसानों के मुद्दे पर योगी सरकार पर जमकर हमला बोला था। उन्‍होंने कहा कि तीन चरण के चुनाव तक पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी तक जाति-धर्म पर ही बात कर रहे थे। लेकिन मुद्दा मजबूती से उठा तो अब पीएम भी छुट्टा पशुओं की समस्‍या पर बोलने लगे हैं।

साथ ह उन्‍होंने कहा था छुट्टा पशुओं की समस्‍या पिछले पांच वर्ष में बढ़ी है। बघेल यहीं नहीं रुके थे। उन्‍होंने किसानों से छुट्टा पशुओं को पकड़कर मुख्‍यमंत्री के निवास स्‍थल पर छोड़ देने की अपील कर दी। कहा कि इससे उन्‍हें भी समस्‍या का पता चल जाएगा। छुट्टा पशुओं की समस्‍या पर पांच साल तक चुप्‍पी साधे रहने वाले पीएम नरेन्‍द्र मोदी अब 10 मार्च के बाद नीति बनाने की बात कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि छत्‍तीसगढ़ सरकार ने पहले ही पशुधन को लेकर योजना बना दी है। वहां के नागरिकों के लिए पशुधन समस्‍या नहीं कमाई का जरिया है।

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