गोरखपुर

मेडिकल कॉलेज से कोरोना मरीज गायब, परिजन हलकान ,सीएम सिटी में मुख्यमंत्री की पीठ पीछे घोर लापरवाही

Shiv Kumar Mishra
12 April 2021 6:32 AM GMT
मेडिकल कॉलेज से कोरोना मरीज गायब,  परिजन हलकान ,सीएम सिटी में मुख्यमंत्री की पीठ पीछे घोर लापरवाही
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गोरखपुर | सीएम सिटी में अभी कल ही बीआरडी मेडिकल कालेज मे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना जांच व इलाज मे लापरवाही अक्षम्य की हिदायत दी है और आज उसी जगह भारी लापरवाही देखने को मिली | एक 83 वर्षीय ह्रदय रोग से प्रभावित महिला जो कोरोना पॉजिटिव थी मेडिकल कालेज मे इलाज चल रहा था | यहीं वह अपना क्वारंण्टीन समय गुजार रहीं थी अचानक गायब हो गईं |

मेडिकल कालेज प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं है कि वह कब डिस्चार्ज हुईं या कहीं रेफर हुईं या कहीं चली गई | कोरोना मरीज के प्रति इतनी घोर लापरवाही मुख्यमंत्री के शहर मे होना वह भी वहां जहां एक दिन पहले इसी बात की चेतावनी दी गई हो कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं | आश्चर्य है कि बीआरडी मेडिकल कालेज प्रशासन को मुख्यमंत्री की हिदायत का कोई असर नहीं !

प्राप्त जानकारी के अनुसार महराजगंज जिले की एक 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला की बीते नौ अप्रैल को तबीयत खराब हुई। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां कोरोना जांच मे उक्त महिला संक्रमित मिली। उसी दिन उन्हें मेडिकल कॉलेज कोविड वार्ड के बेड संख्या 46 पर भर्ती करा दिया गया। चूकि क्वारण्टीन टाइम मे मरीज से कोई नहीं मिल सकता और किसी भी होनी-अनहोनी की सूचना फोन के जरिये परिजन को दे दी जायेगी | इस हिदायत पर परिजन महिला को मेडिकल कालेज छोड़ कर घर चले गये |

रविवार की दोपहर को परिजन जब मेडिकल कॉलेज महिला का हाल जानने पहुंचे तो पता चला महिला यहां है ही नहीं | हैरानी की बात है कि अति संवेदनशील मामले मे इतनी लापरवाही कैसे हो रही है | संक्रमित मरीज का कहीं भी जाना-आना तय है | उससे कोई मिल नहीं सकता | फिर भी वृद्धा के बारे में किसी को कोई जानकारी न होना कोरोना वार्ड की अक्षम्य लापरवाही है | परिजन जब मेडिकल कॉलेज के स्टाफ से जानना चाहे तो उनका रवैया काफी निराशाजनक रहा | जब कुछ समझ नहीं आया तो परिजन पुलिस मे रिपोर्ट लिखाने गये | मामला पुलिस मे जाता देख मेडिकल कॉलेज प्रशासन थोड़ा हरकत मे आया और कागजी पैतरा खेलकर परिजनो से बोल दिया उक्त महिला को डिस्चार्ज कर दिया गया है |

परिजनों व पुलिस ने जब वार्ड के स्टाफ से डिस्चार्ज का पेपर व कोविड निगेटिव रिपोर्ट मांगा तो कर्मचारी कागज देने से इनकार कर दिए। परिजनों ने बताया कि मरीज के पास एक भी रुपया नहीं है। घर पर भी बात की गई वहां भी उनका कोई पता नहीं चल सका । कोरोना मरीज का बाहर टहलना कितना खतरनाक है इसे जानते हुये भी घोर लापरवाही का जिम्मेदार कौन है | यह अब विभागीय जांच तय करेगी |

धनंजय शुक्ला गोरखपुर

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने कहा कि यह घटना काफी चिंताजनक है | जाॕच होगी और दोष सिद्ध होने पर दोषियो के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी | परिजन इसी आश्वासन पर मेडिकल कॉलेज में अपने मरीज से मिल पाने की उम्मीद लिये बैठें हैं |

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