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शहर से लेकर गावों तक में छठ महापर्व की रही धूम,व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य

गोरखपुर में लोक आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व छठ का रंग पूरे उल्लास के साथ देखने को मिल रहा है। खरना के बाद रविवार को छठ का तीसरा दिन रहा। व्रति महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। जबकि 31 अक्टूबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। छठ व्रति खरना के बाद से ही 36 घंटे का निर्जला उपवास करते हैं। राप्ती नदी के राजघाट से लेकर , रामगढ़ ताल, गोरखनाथ में स्थित भीम सरोवर, सूरजकुंड तक सभी घाटों और सरोवरों में छठ की धूम देखने को मिली।
व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया
छठ महापर्व नहाय-खाय से शुरू हुए आस्था के छठ महापर्व का आज तीसरा दिन आज शाम के समय प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य को नदियों के घाटों तालाब पर पहुंचकर छठ व्रती महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। अर्घ्य के साथ पूजी जाने वाली छठी मैया का इतनी भक्ति-भाव से पूजा अर्चना घाटों पर छठ व्रती महिलाओं ने किया जहां पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त की थी ड्रोन कैमरा से निगरानी किया जा रहा था घाघरा सरयू राप्ती रामगढ़ ताल नदियों तालाबों पर गोताखोरों एनडीआरएफ की टीम सदैव निगरानी बनाए रखें जहां एडीजी जोन अखिल कुमार, डीआईजी गोरखपुर परिक्षेत्र गोरखपुर जे रविंदर गौड ,कमिश्नर रवि कुमार एनजी, जिलाधिकारी कृष्ण करुणेश, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर, पुलिस अधीक्षक नगर कृष्ण बिश्नोई समस्त सर्किल के क्षेत्राधिकारी, समस्त तहसीलों के एसडीएम, तहसीलदार अपने अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए घाटों पर निगरानी बनाए रखें जिससे छठ व्रती महिलाएं डूबते सूर्य को बिना किसी बाधा के अर्घ्य दे सकें।
नहाय खाय से शुरू हुई छठ पूजा के तीसरे दिन सभी व्रतधारी आज डूबते सूर्य को अर्घ्य दी खरना संपन्न होने के बाद आज प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य के लिए पहला अर्घ्य दिया।
अपने सुहाग और संतान की मंगलकामना का व्रत है छठ
मान्यता है कि शाम के समय भगवान सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं ऐसे में महिलाएं अपने सुहाग और संतान की मंगलकामना लिए सायंकाल सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद मांगी।
सोमवार को होगा व्रत का पारण
कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि को नहाय खाय से शुरू हुआ छठ महापर्व की षष्ठी तिथि पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद कल सोमवार 31 अक्टूबर को चौथे दिन कार्तिक शुक्ल सप्तमी तिथि पर उदयगामी सूर्य को उनकी प्रथम किरण ऊषा को अर्घ्य देते हुए इस पावन व्रत का पारण किया जाएगा।
Satyapal Singh Kaushik
न्यूज लेखन, कंटेंट लेखन, स्क्रिप्ट और आर्टिकल लेखन में लंबा अनुभव है। दैनिक जागरण, अवधनामा, तरुणमित्र जैसे देश के कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में लेख प्रकाशित होते रहते हैं। वर्तमान में Special Coverage News में बतौर कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।




