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Gorakhpur Corona News: मगरूर मेडिकल कालेज प्रशासन काहे माने गलती ? हो गई खानापूर्ति भटकते हुये भटहट मे मिलीं कोबिड मरीज
गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कालेज लापरवाही का फालूदा बनाने पर तुला है. यहाँ का प्रशासन व कर्मचारी यह मानने को तैयार ही नहीं कि उनसे भी कोई गलती हो सकती है. वैसे भी बात तो कागज में होगी और कागज कर्मचारी ही बनायेंगे. मेडिकल कालेज में तो कागजों में आग भी लग जाया करती है.
फिलहाल अच्छी खबर है 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला जो मेडिकल कालेज कोबिड वार्सेड से गायब हो गई थीं मिल गई हैं . उन्हें मेडिकल कालेज से 10 किमी दूर सड़क किनारे रोते हुये उनके मझले बेटे ने देखा और उन्हें घर ले गये. लेकिन मेडिकल कालेज के जिम्मेदारों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि वह यहाँ कैसे पहुँची. ऊपर से तुर्रा ये कि मेडिकल कालेज की टीम उन्हें पुनः वापस ले जाने उनके घर पहुँची थी, जहाँ उन्होंने जाने से इंकार कर दिया.
महराजगंज के पनियरा की रहनेवाली 85 वर्षीय बृद्धा 9 अप्रैल से कोरोना वार्ड मे भर्ती थीं. परिजनों को बता दिया गया कि कोई उनसे मिल नहीं सकता अतः घर जायें. फोन पर सूचना मिलती रहेगी . कल जब परिजन महिला का हाल जानने आये तो उन बुजुर्ग महिला का कहीं कुछ पता नहीं चला. मेडिकल स्टाफ अपने आदत के मुताबिक बदसलूकी करने लगे. जब मामला पुलिस मे पहुँचा तब मेडिकल स्टाफ हरकत मे आया.
गौरतलब है कि मरीज के साथ इतनी बड़ी लापरवाही अपराध की श्रेणी मे आता है. फिर भी सब राजकाज की बात लगती है. रवैया आज भी ढुलमुल है. अब मेडिकल कालेज के प्राचार्य का सुर बदल गया ऐसा लगता है कि कागज मजबूत कर लिया गया है. उन्होंने आज इस सम्बंध मे जो रेडिमेड जवाब दिया वह सोमवार को पूरा मेडिकल प्रशासन मिल के नहीं दे पा रहा था. फिलहाल उन्होंने बताया कि महिला को बकायदा डिस्चार्ज किया गया था. उनके परिजनो को फोन किया गया. फोन पर बात नहीं हो पाने की दशा मे उन्हें हाल मे रहने को कहा गया था, इतने मे वह कहीं चली गई. हिदायत दी गई है कि अब किसी मरीज को उसके तिमारदार को ही सौपा जाय. जो भी हो आप भी हाल कितना बेहाल है अंदाजा लगा सकतें हैं.
धनंजय शुक्ला