गोरखपुर

पूर्वांचल की सूरत बदल देगा कम्हरिया घाट का नया पुल, 20 लाख लोगों को मिलेगा लाभ, पांच जिलों की बदल जाएगी नई तस्वीर

Shiv Kumar Mishra
19 Aug 2022 7:30 AM GMT
पूर्वांचल की सूरत बदल देगा कम्हरिया घाट का नया पुल, 20 लाख लोगों को मिलेगा लाभ, पांच जिलों की बदल जाएगी नई तस्वीर
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गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बेलघाट क्षेत्र में सरयू जी नदी पर बने कम्हरिया घाट पुल ने गोरखपुर से अंबेडकर को सीधे जोड़ दिया है। सरकार ने सेतु की साैगात दी तो यातायात सुगम हो गया। पहले बेलघाट के लोगों को अंबेडकर नगर जाने के लिए बड़हलगंज व आजमगढ़ होकर जाना पड़ता था। उन्हें 60 किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती थी। इतना ही नहीं इस पुल के बन जाने से गोरखपुर से प्रयागराज की दूरी 80 किमी कम हो गई है। समय के साथ ईंधन की भी बचत होगी। इससे 20 लाख की आबादी लाभान्वित होगी और इस पुल के चालू हो जाने से अंबेडकरनगर, आजमगढ़, जौनपुर, अयोध्या जाने के लिए लोगों को वैकल्पिक मार्ग भी मिलेगा। इस पुल के निर्माण की मांग को लेकर नागरिकों ने 2013 में जल सत्याग्रह किया था।

कम्हरिया घाट पुल- एक नजर

2013 जुलाई में शासन ने पुल का बजट स्वीकृत किया।

19397.20 लाख रुपये से पुल निर्माण कराया गया।

11784.50 लाख रुपये से सेतु का निर्माण हुआ।

7612.70 लाख रुपये से पहुंच मार्ग का निर्माण किया गया।

1412.45 मीटर पुल की कुल लंबाई है।

6.4 किमी पहुंच मार्ग की लंबाई है।

46 अदद फाउंडेशन अर्थात पिलर खड़े किए गए हैं।

46 की संख्या में सब स्ट्रक्चर भी बनाए गए हैं।

45 अदद सुपर स्ट्रक्चर का निर्माण हुआ है।

03 बीम की व्यवस्था दी गई है।

02 अदद नेविगेशनल स्पैन बनाए गए हैं जिससे पुल बीच में उठ गया है।

2014 अप्रैल में निर्माण शुरू हुआ था।

2022 जून में निर्माण पूरा हुआ।

18 अगस्त 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकार्पण किया।

अंबेडकर नगर को होगा सीधा फायदा

कम्हरिया घाट के एक ओर गोरखपुर तो दूसरी ओर अंबेडकरनगर जिला स्थित है। पुल न होने के कारण दोनों जिलों के बीच की दूरी 60 किलोमीटर बढ़ जाती थी। अब इस पुल से होकर जाने में गोरखपुर से प्रयागराज की दूरी अब सिर्फ 200 किलोमीटर होगी। अभी तक लोगों को 280 से 300 किलोमीटर तक की दूरी तय करनी पड़ती थी।

जल सत्याग्रह के बाद स्वीकृत हुई थी पुल की परियोजना

इस पुल के पीछे संघर्ष की कहानी भी है। स्थानीय लोगों ने इस पुल के लिए कई दिनों तक धरना प्रदर्शन किया था। लोगों के संघर्ष के कारण ही यहां पीपे का पुल बनाया गया था लेकिन पक्के पुल की मांग को लेकर उनका प्रदर्शन जारी रहा। आंदोलन की शुरूआत गोवर्धन चंद, भिखारी प्रजापति व बेलघाट के विनय शाही ने की थी। सर्वहित क्रांति दल के अध्यक्ष सतवंत प्रताप सिंह द्वारा 2013 में जल सत्याग्रह शुरू करने के बाद आंदोलन को और धार मिली। इस साल 17 से 24 अप्रैल तक जल सत्याग्रह चला था।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरा किया सपना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कम्हरिया घाट पुल के उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अभी एक पुल बना है। पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे का दूसरा पुल भी तैयार हो रहा है। यहां से शिप गुजरेगी। सबसे उपेक्षित रहे गोरखपुर के इस दक्षिणांचल क्षेत्र में गीडा से लेकर बेलघाट व धुरियापार तक औद्योगिक गलियारा बनाया जा रहा है। यहां के उत्पाद देश-दुनिया में पहुंचेंगे।

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