
Archived
डॉ कफील को बदनाम करने वाली मीडिया क्या बोलेगी इस बात पर!
शिव कुमार मिश्र
27 Nov 2017 12:41 PM IST

x
आज से चार महीने पहले गोरखपुर शहर को पीपली लाइव बना देने और सरकारी चिकित्सक डॉ. कफ़ील खान को नत्था बना देने वाले मीडिया को इस बात का इल्म तक नहीं है कि उनके ठहराए दोषी डॉक्टर पर से आरोप लगाने वाली यूपी एसटीएफ ने खुद भ्रष्टाचार और प्राइवेट प्रैक्टिस के दो संगीन आरोप वापस ले लिए हैं।
वेबसाइट twocircles.net पर सिद्धांत मोहन ने ख़बर की है कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में सबसे बड़े दोषी ठहराए गए डॉ. कफ़ील को एसटीएफ ने दो संगीन आरोपों से मुक्त कर दिया है, हालांकि वे अब भी दो अन्य गैर-जमानती धाराओं के तहत हिरासत में ही हैं।
ऑक्सीजन की सप्लाइ रुकने से मारे गए बच्चों की वास्तव में मदद करने वाले डॉ. कफ़ील को पूरे मीडिया ने मिलकर एक स्वर में खलनायक करार दिया था। उस वक्त शायद एकाध संस्थान ही ऐसे रहे जो लगातार डॉ. कफ़ील की बेगुनाही के बारे में लिखते रहे थे। मीडिया कफ़ील को जेल भिजवाकर चैन की गहरी नींद सो गया और आज भी सोया पड़ा है। अब तक डॉ. कफ़ील से जुड़ी यह ताजा खबर अखबारों और चैनलों तक नहीं पहुंची है।
वेबसाइट के मुताबिक उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने डॉ. कफ़ील अहमद खान के खिलाफ़ लगाए प्राइवेट प्रैक्टिस और भ्रष्टाचार के आरोप हटा लिए हैं। अगस्त में गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत के बाद उसके चिकित्सक डॉ. कफ़ील समेत कई को इस हादसे का जिम्मेदार ठहराया गया था। राज्य सरकार के कहने पर यूपी एसटीएफ ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव मिश्र और डॉ. कफ़ील के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
इनके अलावा गोरखपुर पुलिस ने डॉ. पूर्णिमा, डॉ. सतीश कुमार, गजानन जायसवाल, लेखा विभाग के लिपिकों सुधीर पांडे, उदय शर्मा और संजय त्रिपाठी तथा पुष्पा सेल्स के मालिक मनीष भंडारी के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किया था।
अभिषेक श्रीवास्तव
Next Story