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पट्टीदारों ने किया इंकार तो बहू ने दी सास की चिता को आग

गोरखपुर में एक भावुक कर देने वाला मामला सामने आया है।कैम्पियरगंज में पट्टीदारों और रिश्तेदारों के इंकार करने के बाद बहू ने सास की सास की चिता को आग दी। महिला के पति और ससुर की पहले ही मौत हो चुकी है। ऐसे में महिला ने मुखाग्नि देकर अपना फर्ज निभाया।
यह घटना कैम्पियरगंज क्षेत्र के तेनुआ विशम्भरपुर गांव के परतिहवा टोले की है।इस गांव की 75 वर्षीय हंसा देवी यादव के पति व पुत्र की पहले ही मौत हो चुकी है।
पट्टीदारों अंतिम संस्कार करने से खड़े किए हाथ
तमाम जद्दोजहद के बाद भी मृतका हंसा देवी के दाह संस्कार करने से पट्टीदारों और रिश्तेदारों ने साफ इंकार कर दिया। घर मे कोई पुरुष या बेटा न होने के चलते उर्मिला ने सास का दाह संस्कार करने का निर्णय लिया और राप्ती नदी के नेतवर घाट पर सास की चिता में मुखाग्नि देकर एक मिसाल पेश की।
हिंदू रीति- रिवाजों में पारंपरिक रूप से महिलाओं को किसी की चिता को मुखाग्नि देने की बात तो दूर बल्कि उनके श्मशान में प्रवेश न करने की भी परंपरा है। कभी कभी ऐसी परिस्थितियां सामने आ ही जाती हैं। इसके आगे धार्मिक मान्यताएं और पारंपरिक रीति रिवाजों के भी बंधन टूट जाते हैं।
सास की मौत के बाद उर्मिला हो गई बेसहारा
ससुर की मौत के बाद एक साल पहले पति की मौत के सदमे से उबरी उर्मिला और उसकी मासूम बेटी बेसहारा हो चुकी हैं। महज 15 डिस्मिल जमीन और मेहनत मजदूरी करने वाली उर्मिला अपनी सास को पाल रही थी। सास के मौत बाद अब ब्रह्मभोज का खर्च उठा पाना भी मुश्किल है। उर्मिला को प्रशासन और समाज के लोगो से मदद की दरकार है।
Satyapal Singh Kaushik
न्यूज लेखन, कंटेंट लेखन, स्क्रिप्ट और आर्टिकल लेखन में लंबा अनुभव है। दैनिक जागरण, अवधनामा, तरुणमित्र जैसे देश के कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में लेख प्रकाशित होते रहते हैं। वर्तमान में Special Coverage News में बतौर कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।