उत्तर प्रदेश

नियमितीकरण सहित कई मांगों को लेकर अनुदेशकों का क्रमिक अनशन जारी, गोरखपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में हुआ प्रदर्शन

Satyapal Singh Kaushik
22 Oct 2023 10:45 AM GMT
नियमितीकरण सहित कई मांगों को लेकर अनुदेशकों का क्रमिक अनशन जारी, गोरखपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में हुआ प्रदर्शन
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गांधी जयंती के दिन से हर रविवार को होने वाला अनुदेशकों का क्रमिक अनशन आज भी जारी रहा। गोरखपुर, प्रयागराज सहित प्रदेश के करीब 27 जनपदों में हुआ अनशन।

नियमितीकरण, सीसीएल समेत कई मांगों को लेकर 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन से शुरू हुआ यूपी के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाने वाले अनुदेशक शिक्षकों का क्रमिक अनशन आज भी जारी रहा। गोरखपुर, बस्ती, प्रयागराज ,हरदोई ,चित्रकूट ,जालौन ,आज़मगढ़, बाराबंकी, बाँदा, जौनपुर,शाहजहांपुर ,झाँसी ,बदायूँ, सिद्धार्थनगर ,सोनभद्र ,लखनऊ ,पीलीभीत ,सीतापुर, चंदौली ,कानपुर नगर ,ललितपुर ,बरेली ,महराजगंज, अम्बेडकरनगर ,श्रावस्ती ,सुल्तानपुर सहित प्रदेश के लगभग 27 जिलों में क्रमिक अनशन हुआ। अनुदेशक गांधी प्रतिमा के समक्ष बैठकर शांतिपूर्वक अपने अनशन को किए और सरकार से मांग की, हमको भी समान कार्य समान वेतन दिया जाए और हमको भी स्थाई शिक्षक की भांति सभी सुविधाएं प्राप्त कराईं जाएं।

जिलाध्यक्ष मनोज सिंह के नेतृत्व में सुल्तानपुर में हुआ क्रमिक अनशन

परिषदीय अनुदेशक संघ जिला अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में अनुदेशकों के शोषण और अनेक समस्याओं को लेकर 2 अक्टूबर से प्रत्येक रविवार को क्रमिक अनशन तिकोनिया पार्क में किया गया। जिसमें नवीन शिक्षा नीति के तहत अनुदेशकों को नियमित किया जाए माननीय उच्च न्यायालय डबल बेंच में पारित निर्णय को तत्काल प्रभाव से निष्पादित किया जाए, महिला अनुदेशकों को अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। अन्य महिला अध्यापिकाओं के समान महिला अनुदेशकों को सीसीएल का लाभ दिया जाए। अभिषेक सिंह ने कहा कि, यदि सरकार हम लोगों की बात नहीं मानती है क्रमिक अनशन को भूख हड़ताल में परिवर्तित कर दिया जाएगा। जिला उपाध्यक्ष राघवेंद्र तिवारी ने कहा की,प्रथम चरण ट्रांसफर की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है द्वितीय और तृतीय चरण की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू किया जाए। जिससे अनुदेशक अपने गृह ब्लॉक के समीप शिक्षण कार्य कर सकें। इस मौके पर प्रेम चौरसिया,अभिषेक सिंह, गरिमा श्रीवास्तव, सरिता गुप्ता आदि अनुदेशक शामिल हुए।

जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में बरेली में हुआ अनशन

अनुदेशक जिलाध्यक्ष बरेली भानु प्रताप सिंह ने कहा कि, सरकार हमारी इन मांगों को माने, तभी हम अनशन छोड़ेंगे, नहीं तो ये हमारा क्रमिक अनशन अब भूख हड़ताल में बदल जायेगा। भानुप्रताप ने मुख्यमंत्री को संदर्भित एक मांगपत्र भी लिखा, जिसमें इन मांगों को प्रमुखता से मानने का आह्वान किया।

सेवा में श्रीमान

माननीय मुख्यमंत्री जी

उत्तर प्रदेश शासन

लखनऊ

विषय- बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशकों की मौलिक समस्याओं!एवं महिला अनुदेशकों की मानवीय एवं मूलभूत समस्याओं के सन्दर्भ में।

महोदय! कृपया निम्नलिखित बिन्दुओं के आलोक में संज्ञानित होने की कृपा करें।

1.यह कि शिक्षा अधिकार अधिनियम से नियुक्त अनुदेशक पिछले दस वर्षों से पुर्ण कालिक कार्य करते हुए नौनिहालों का भविष्य संवार रहे हैं। अधिसंख्य अनुदेशकों की उम्र सीमा 40 वर्ष पार कर चुकी है। अत: नवीन शिक्षा नीति के अनुसार हम अनुदेशकों को नियमित किया जाए।

2. यह कि सरकार द्वारा हम अनुदेशकों के विरुद्ध अदालतों में चलाई जा रही समस्त कार्यवाही अविलंब वापस लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय व माननीय उच्च न्यायालय डबल बेंच में पारित निर्णय एवं दिशानिर्देशों को तत्काल प्रभाव से निष्पादित किया जाए।

3. महिला अनुदेशकों का अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।

4. बाल्यदेखरेख अवकाश(CCL) में महिला अनुदेशकों के साथ मानवीय भेदभाव समाप्त कर उपरोक्त अवकाश से महिला अनुदेशकों को भी आच्छादित किया जाए।

5.यह कि अत्यंत अल्प मानदेय से रुग्ण हो चुके हम अनुदेशकों को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाए।

6. यह कि हम अनुदेशकों के भविष्य एवं आकस्मिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा(EPF)की गारंटी दिया जाए।

7.यह कि 100 छात्र संख्या की तलवार का प्रयोग शिक्षकों द्वारा अनुदेशकों के सम्बन्ध में जानबूझकर किया जा रहा।ऐसे में शोषण से बचाव के राहत कारी उपाय किये जाएं। मात्र अनुदेशकों को जिम्मेदार मानकर एकतरफा कार्यवाही नैसर्गिक न्याय के विरुद्ध है।

8.यह कि हम अनुदेशकों को 10 सयोगी अवकाश(CL) के अलावा कोई छुट्टी नही है।अतः हम अनुदेशकों को भी मेडिकल अवकाश प्रदान किया जाए।

9.यह कि अत्यंत अल्प मानदेय एवं संकीर्ण सामाजिक स्थिति के कारण हम अनुदेशक मानवीय गरिमा के अनुकूल सामान्य जीवनचर्या से तालमेल नहीं बना पा रहे। परिणामस्वरूप कार्यस्थलों पर शोषण एवं असहजता से अवसाद की

स्थिति उत्पन्न होती रहती है।

महोदय! आप हम अनुदेशकों के अभिभावक हैं।

कृपया उपरोक्त तथ्यों के आलोक में अविलंब उचित और आवश्यक कार्यवाही किए जाने की महती कृपा करें।

शीघ्र ही कार्यवाही न किए जाने पर उत्तर प्रदेश के समस्त अनुदेशक उपरोक्त शोषण, एवं अत्याचार के विरुद्ध प्रदेश व्यापी आन्दोलन करने के लिए बाध्य होगा।

जिसकी समस्त जिम्मेदारी आप अभिभावक की ही होगी।

अनुदेशकों के ज्ञापन पर सहानुभूतिपूर्वक कार्यवाही कर उपचार देने के लिए हजारों अनुदेशक सदैव आभारी रहेंगे

भवदीय

भानु प्रताप सिंह

अध्यक्ष, परिषदीय अनुदेशक कल्याण एशोसिएशन बरेली, उत्तर प्रदेश

बस्ती मंडल प्रभारी अनिल पांडेय के नेतृत्व में सिद्धार्थनगर में हुआ अनशन

बस्ती मंडल प्रभारी अनिल पांडेय के नेतृत्व में सदर तहसील स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष अनुदेशकों ने अनशन किया। इस अवसर पर अनिल पांडेय ने कहा कि, हमारे कई अनुदेशक आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या कर चुके हैं। तो कईयों ने नौकरी छोड़ दी। अनुदेशक अपने जीवन यापन के लिए शिक्षण कार्य के बाद टैक्सी चलाने, ठेला सब्जी, परचून की दुकान, मजदूरी आदि करके जीवन यापन करने को विवश हैं। हमारी महिला अनुदेशकों को CCL का लाभ भी नहीं मिलता है। ऐसे में हम अपना जीवन यापन कैसे करें। यदि सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो हम एक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस अवसर पर पुरुष व महिला अनुदेशक उपस्थित रहें।



Satyapal Singh Kaushik

Satyapal Singh Kaushik

न्यूज लेखन, कंटेंट लेखन, स्क्रिप्ट और आर्टिकल लेखन में लंबा अनुभव है। दैनिक जागरण, अवधनामा, तरुणमित्र जैसे देश के कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में लेख प्रकाशित होते रहते हैं। वर्तमान में Special Coverage News में बतौर कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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