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हापुड़ में पुलिस कस्टडी में दर्दनाक मौत, मैं चिल्लाता रहा, वो पीटते रहे', मेरे बेगुनाह बेटे को मार डाला

Special Coverage News
16 Oct 2019 4:46 AM GMT
हापुड़ में पुलिस कस्टडी में दर्दनाक मौत, मैं चिल्लाता रहा, वो पीटते रहे, मेरे बेगुनाह बेटे को मार डाला
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अमित अग्रवाल

पिलखुवा की छिजारसी पुलिस चौकी के अंदर कस्टडी में मारे गए युवक प्रदीप तोमर के परिवार के लोगों में बहुत गुस्सा है। जब भी कोई उनसे मिलता है तो वे पुलिसवालों की हैवानियत का किस्सा सुनाते हुए रोने लगते हैं। बेटे के लिए बस न्याय की मांग करते रहे। रविवार को बाइक का चालान होने की बात कहकर पुलिसकर्मियों प्रदीप को जबरन पकड़कर छिजारसी पुलिस चौकी ले गए थे।

प्रदीप के 12 साल के बेटे ने स्पेशल कवरेज न्यूज से बात करते हुए हुए अपने दुख और गुस्से का इजहार किया। उसने कहा कि मेरे सामने पुलिसवाले दरिंदों की तरह पापा को मार रहे थे। मैं छोड़ने को कहता रहा और पुलिसवाले उन्हें पीटते रहे। जब रात करीब आठ बजे मुझसे नहीं रहा गया तो मैं उस कमरे में अपने पिता को बचाने और पानी पिलाने के लिए घुस गया तो पुलिसवालों ने मेरे गाल पर कई थप्पड़ मारे और गाली देकर बाहर निकल दिया। पुलिसवालों के हाथ में डंडे, सरिया और पेचकस थे। सभी पुलिसवाले नशे की हालत में थे।

शाम 4 बजे बुलाया और रात 11 बजे तक पीटते रहे

प्रदीप के बेटे ने बताया कि पापा को शाम 4 बजे छिजारसी पुलिस चौकी बुलाया। इसके कुछ देर बाद ही मारना शुरू किया और रात 11 बजे तक पीटते रहे। उन्हें मारने वालों में करीब चार-पांच पुलिसकर्मी थे। उसने डबडबाई आंखों से बताया कि कई घंटे तक पुलिस ने पिता की पिटाई की और बाद में हालत खराब होने पर जीप में डालकर पास के अस्पताल ले गए। मैं भी उनके साथ गया था। वहां डाक्टरों ने दवाई लाने के लिए उन्हें लिस्ट थमा दी। पुलिसवालों ने वह लिस्ट मुझे देते हुए दवा लाने को कहा। मैंने कहा कि मेरे पास पैसा नहीं है। इसके बाद वह पापा को लेकर मेरठ के अस्पताल जाने लगे। मैं रोता हुआ पापा के पास गया तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर कहा कि 'मैं अब नहीं बचूंगा, मुझे बहुत दर्द हो रहा है। मेरे बाद अपनी मां का ध्यान रखना।' इतना कहकर वह बेहोश हो गए। मेरठ हॉस्पिटल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

पत्नी ने कहा, दोषी पुलिसवालों पर दर्ज हो हत्या का केस

मृतक की पत्नी रजनी तोमर ने बताया कि उसके पति को धोखे से बुलाकर पुलिस ने हत्या कर दी। अब उनके बच्चों को क्या होगा। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की मांग की। पिता राजकुमार तोमर ने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों के साथ मेरे बेटे की तरह ही बर्ताव होना चाहिए।

घिरती दिख रही पुलिस

छिजारसी पुलिस चौकी में पूछताछ के दौरान युवक की मौत के बाद पुलिस घिरती दिख रही थी। सवालों को घेरे में फंसी पुलिस ने जिस हत्या के मामले के लिए प्रदीप से पूछताछ की थी, उसका प्रदीप की मौत के 24 घंटे के अंदर ही खुलासा कर दिया। लाखन गांव निवासी प्रदीप को इस हत्याकांड का आरोपित भी बनाया है। इस मामले में चार लोगों की मंगलवार को गिरफ्तारी भी हुई है। पुलिस का दावा है कि पति ने पत्नी के अवैध संबंध होने के शक में 1.5 लाख रुपये की सुपारी देकर उसकी हत्या करवाई थी।

जानिए, क्या था मामला

पिलखुवा थाना क्षेत्र में 30 अगस्त को एक महिला का शव मिला था। शव को जलाने का भी प्रयास किया गया था। इसी हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि पिलखुवा क्षेत्र में गालंद के रजवाहे के पास अधजली हालत में एक महिला का शव मिला था। जिसकी शिनाख्त थाना जारचा के गांव ततारपुर निवासी अमर की पत्नी प्रीति (32 वर्ष) के रूप में हुई थी। पिलखुवा पुलिस मामले की जांच कर रही थी और उसे पति व अन्य लोगों पर शक था।

पुलिस के अनुसार, पकड़े गए बदमाशों ने बताया है कि अमर ने अपनी पत्नी प्रीति की हत्या की सुपारी 1.5 लाख रुपये में उन्हें दी थी। जिसका पेमेंट लाखन गांव निवासी व अमर के जीजा प्रदीप तोमर को देना था। उन्होंने ही पूरा प्लान तैयार किया था। इसी के तहत 30 अगस्त को अमर अपनी पत्नी प्रीति को लाखन गांव ला रहा था। रास्ते में मौजूद सुपारी किलर अरुण, शहजाद व मोबिन ने प्रीति को पकड़ लिया और उसके गले में बेल्ट डालकर हत्या कर दी। शव की पहचान छुपाने के लिए पेट्रोल डालकर आग लगाया और फरार हो गए थे। लेकिन काम हो जाने पर भी जीजा-साले ने रुपये नहीं दिए थे।

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