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- यूपी में 30 साल से...

हरदोई। फर्जी शिक्षकों के बाद अब फर्जी लेखपालों के कारनामे सामने आ रहे हैं। बिलग्राम तहसील के एक लेखपाल पर फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हासिल करने का आरोप है। मामले की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की गई है। शिकायतकर्ता ने अधिकारियों को साक्ष्य भी उपलब्ध कराएं है।
कानपुर जिले के राजेन्द्र विहार निवासी इंद्रजीत सिंह का दावा है कि हरदोई जिले के मल्लावां क्षेत्र पुरबावां निवासी श्रवण कुमार पुत्र स्व. लखनलाल विगत 30 वर्षों से फर्जी कागजों पर लेखपाल की नौकरी कर रहा है। शिकायकर्ता ने द टेलीकास्ट को सभी साक्ष्य सौंपते हुए बताया कि लेखपाल श्रवण कुमार पिछड़ी जाति का है, जबकि उसका चयन अनुसूचित जाति के कोटे में हुआ है। वह सन 1988-89 से फर्जी कागजों के आधार पर नौकरी कर रहा है। राज्य सूचना आयोग में अपील पर जिलाधिकारी कार्यालय हरदोई के सूचना पत्र संख्या 785 दिनांक 08-07-2019 द्वारा प्रस्तुत पत्रावलियों में इस जालसाजी व फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है।
लेखपाल पद की चयन सूची में श्रवण कुमार का अनुक्रमांक 357 पेज संख्या 214 पर अनुसूचित जाति में अंकित है, जबकि वह पिछड़े वर्ग की कुर्मी जाति से है। उसके कुर्मी जाति व अनुसूचित जाति से नौकरी पाने से सम्बंधित सभी साक्ष्य उच्चाधिकारियों को सौंपे गए हैं। इससे स्पष्ट है कि नौकरी को फर्जी तरीके से हथियाने के लिए श्रवण कुमार ने अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर लेखपाल की नौकरी हासिल की है। शिकायकर्ता ने मांग की है कि श्रवण कुमार की सेवा समाप्ति करते हुए इनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर 30 साल की वेतन वसूली की जाए। हालांकि राजस्व महकमे के अधिकारी शिकायत पर पर्दा डालने में जुटे हुए हैं।
रिपोर्ट: हरिश्याम बाजपेयी