हाथरस

हाथरस में 19 साल की दलित लड़की से हैवानियत, गैंगरेप के बाद काटी जीभ

Arun Mishra
26 Sep 2020 4:35 AM GMT
हाथरस में 19 साल की दलित लड़की से हैवानियत, गैंगरेप के बाद काटी जीभ
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सांकेतिक तस्वीर
पीड़ित लड़की अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है.

हाथरस : उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित लड़की के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया है. यहां एक 19 साल की लड़की के साथ आरोपियों ने पहले तो गैंगरेप (Gangrape) किया और उसके साथ मारपीट कर रीढ़ की हड्डी तोड़ दी, इतने से भी हैवानों का मन नहीं भरा तो उन्होंने पीड़ित लड़की की जीभ भी काट दी. पीड़ित लड़की अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है.

दरअसल 14 सितंबर की सुबह लड़की (Girl) अपने घर से गायों के लिए चारा लेने निकली थी, उसके बाद वह गायब हो गई. काफी तलाश करने पर लड़की खून से लथपथ हालत में मिली, उसे ई-रिक्शा से तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया.

गैंगरेप के बाद काटी पीड़ित लड़की की जीभ

हाथरस (Hathras) के पुलिस अधिकारी विक्रांत वीर ने बताया कि 11 दिन पहले कुछ हैवानों ने 19 साल की दलित लड़की ( Dalit girl) के साथ गैंगरेप किया, उसके बाद उसे अधमरी हालत में सड़क पर छोड़ दिया. पीड़ित लड़की का इलाज अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में चल रहा है, फिलहाल वह वेंटिलेटर पर है, उसकी गर्दन पर भी गंभीर चोट आई है.

पुलिस को दिए गए बयान के मुताबिक लड़की के गांव के चार उच्च जाति (High Cast) के युवकों ने उसके साथ गैंगरेप किया और उसे जान से मारने की कोशिश की. पुलिस से एससी/एसटी एक्ट के तहत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. अस्पताल की शुरुआती जांच में लड़की के साथ रेप, गला घोंटने और मारपीट की पुष्टि हुई है. डॉक्टर्स ने कहा कि आगे की जांच की की जा रही है

'ऊंची जाति का युवक करता था दलितों को परेशान'

दलित परिवार (Dalit Family) का कहना है कि उनके घर के पास रहने वाला 20 साल का युवक संदीप अक्सर उनके इलाके में रह रहे दलितों को परेशान करता था. पीड़ित परिवार ने बताया कि करीब 20 साल पहले संदीप के दादा पर भी कथित रूप से पिटाई करने पर एससी/ एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था और उसे तीन महीने की जेल हुई थी. जिला अधिकारियों का कहना है कि गांव के 600 परिवारों में से करीब आधी आबादी ठाकुरों की है, जबकि 100 परिवार ब्राह्मणों के हैं, गांव में सिर्फ 15 परिवार ही दलितों के हैं.

पीड़ित लड़की की मां का कहना है कि 14 सितंबर की सुबह वह अपने बेटे और बेटी के साथ चारा लेने गई थी, इस दौरान उसने अपने बेटे को दूर भेज दिया था, जब उसने मुड़कर देखा तो उसे बेटी नहीं दिखाई दी, उसे लगा कि वह घर चली गई होगी, लेकिन जैसे ही उसकी नजर पास में गुलाबी चप्पलों पर पड़ी, उसने बेटी को ढूढने की कोशिश की और उसे घायल हालत में वह एक पेड़ के पास पाया, उस दौरान वह खून से लथपथ थी, लड़की को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसके बाद उसे अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया.

Arun Mishra

Arun Mishra

Sub-Editor of Special Coverage News

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