हाथरस

हाथरस केस: आरोपी पक्ष के परिवार से मिलने पहुंचे अधिवक्ता एपी सिंह, हाथरस कांड में आरोपी पक्ष का लड़ेंगे केस

Shiv Kumar Mishra
10 Oct 2020 9:22 AM GMT
हाथरस केस: आरोपी पक्ष के परिवार से मिलने पहुंचे अधिवक्ता एपी सिंह, हाथरस कांड में आरोपी पक्ष का लड़ेंगे केस
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एपी सिंह (Advocate AP Singh) ने कहा है कि अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री मानवेंद्र सिंह ने उन्‍हें हाथरस मामले के आरोपियों का मुकदमा लड़ने के लिए नियुक्त किया है.

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में घटी घटना में आरोपियों के घर निर्भया के आरोपियों के केस लड़ने वाले वकील एपी सिंह हाथरस आरोपियों के परिजनों से मिलने उनके घर पहुँच गए है. एपी सिंह परिजनों से मिलकर पूरी घटना का व्यौरा लेंगे उसके बाद शायद आरोपियों से भी मुलाकात कर सकते है.

अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा है कि आरोपियों के परिवार ने उनसे मुकदमा लड़ने के लिए आग्रह किया है. इसके अलावा एपी सिंह ने कहा है कि अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री मानवेंद्र सिंह ने भी उनसे हाथरस मामले में आरोपियों का मुकदमा लड़ने की बात कही है. मानवेंद्र सिंह द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा पैसे इकट्ठा कर वकील एपी सिंह की फीस भरेगी.

इस पत्र में कहा गया है कि हाथरस केस के माध्यम से एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग करके सवर्ण समाज को बदनाम किया जा रहा है, जिससे खासतौर से राजपूत समाज बेहद आहत हुआ है. ऐसे में इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए मुकदमे की पैरवी आरोपी पक्ष की तरफ से एपी सिंह के द्वारा कराने का फैसला किया गया है.

केस ट्रान्सफर करने की मांग

पीड़िता के परिवार की तरफ से निर्भया मामले से चर्चा में आईं अधिवक्ता सीमा कुशवाहा को नियुक्त किया गया है. उन्होंने वकालतनामा पर हस्ताक्षर भी कर दिया है. सीमा कुशवाहा ने कहा है कि वह जल्द ही सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर मुकदमे की सुनवाई दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग करेंगी. उन्होंने बताया कि जब तक मामला उत्तर प्रदेश से बाहर नहीं किया जाएगा, हाथरस की बेटी को इंसाफ नहीं मिलेगा. आरोपियों को सजा दिलाने के लिए वह पूरा प्रयास करेंगी. उन्हें पूराी उम्मीद है कि एक दिन हाथरस की बेटी को न्याय मिलेगा और दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलेगी.

कौन ही वकील एपी सिंह

राष्‍ट्रीय राजधानी में 16 दिसंबर 2012 की रात सड़क पर दौड़ती एक बस में छह लोगों ने पैरामेडिकल स्‍टूडेंट निर्भया का गैंगरेप (Nirbhaya Gangrape-Murder Case) किया और बुरी हालत में मरने के लिए सड़क पर छोड़कर फरार हो गए. छह दोषियों में एक नाबालिग (Minor) था. पूरा देश इस घटना के खिलाफ सड़क पर उतर आया था. सिंगापुर (Singapore) में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद वकीलों ने उनकी पैरवी करने से ही इनकार कर दिया. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के वकील अजय प्रकाश सिंह ने तीन आरोपियों की ओर से पैरवी करने की हामी भर दी. एपी सिंह कानून की खामियों का फायदा उठाकर बार-बार दोषियों की फांसी टलवा रहे हैं. मुकदमा शुरू होने से अब तक अक्सर लोगों को एपी सिंह के बारे में कहते सुना गया है, 'इसी को टांग देना चाहिए.'

निर्भया की मां को एडवोकेट सिंह ने दी चुनौती

निर्भया की मां आशा देवी ने हाल में बताया था कि 31 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट की सीढ़ियों पर एपी सिंह ने दोषियों को अनिश्चितकाल तक फांसी नहीं होने देने की चुनौती दी थी. एपी सिंह उस दिन दोषियों की ओर से अपने बचाव में सभी कानूनी विकल्‍पों के इस्‍तेमाल तक फांसी टलवाने में सफल हो गए थे. वह चार में तीन दोषियों पवन गुप्‍ता, अक्षय कुमार सिंह और विनय शर्मा की ओर से पैरवी कर रहे हैं. चौथे दोषी मुकेश कुमार की पैरवी इसी मामले में न्‍यायमित्र रहीं वृंदा ग्रोवर कर रही हैं. बता दें कि छह में एक नाबालिग दोषी अपनी सजा पूरी कर बाहर आ चुका है. वहीं, एक दोषी ने कथित तौर पर जेल में ही आत्‍महत्‍या कर ली थी.

दोषियों की फांसी टालने को आजमाया हर दांव

लखनऊ यूनिवर्सिटी से लॉ ग्रेजुएट एपी सिंह ने क्रिमिनोलॉजी में डॉक्‍टरेट की हुई है. वह 1997 से सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे थे. लेकिन, उन्‍हें 2012 में तब पहचान मिली, जब वह निर्भया गैंगरेप-मर्डर केस में साकेत कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से पेश हुए. तब से अब तक वह अपने क्‍लाइंट्स को बचाने के लिए हर कानूनी दांव आजमा रहे हैं. एपी सिंह ने बताया था कि उन्‍होंने अपनी मां के कहने पर ये केस हाथ में लिया था. उन्‍होंने बताया कि अक्षय की पत्‍नी अपने पति से मिलने के लिए बिहार से तिहाड़ जेल पहुंची थी. इसी दौरान किसी ने उसे मेरा मोबाइल नंबर दिया था. वह मेरे घर आई और मेरी मां से मिली.

अपनी मां के कहने पर की दो दोषियों की पैरवी

एपी सिंह ने बताया, 'जब मैं घर पहुंचा तो मेरी मां ने कहा कि तुम्‍हें इस महिला को न्‍याय दिलाने के लिए मुकदमा लड़ना चाहिए. इस पर मैंने अपनी मां से इस मामले में पैरवी करने के नतीजों के बारे में बात की, लेकिन उन्‍होंने मुझे मुकदमा लड़ने को कहा.' एपी सिंह ने कहा कि मेरी मां टीवी नहीं देखती हैं. इसलिए उन्‍हें विरोध-प्रदर्शन, जंतर-मंतर, रामलीला मैदान, मोमबत्‍ती, धूपबत्‍ती, अगरबत्‍ती कुछ नहीं पता है. एपी सिंह ने निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों को बचाने का सिलसिला साकेत से शुरू किया. शुरुआत में उन्‍होंने अक्षय और विनय की ओर से पैरवी की. हालांकि, वह दोनों को आरोपों से छुटकारा दिलाने में नाकाम रहे. उन्‍होंने अपने क्‍लाइंट्स को बचाने के लिए निर्भया की छवि खराब करने की भी कोशिश की.

निर्भया की छवि को खराब करने की कोशिश की

निर्भया केस को शुरू हुए 7 साल हो चुके हैं, लेकिन एपी सिंह को दोषियों की पैरवी करने का कोई अफसोस नहीं है. जब News18 ने उनसे पूछा कि उन्‍हें अपने क्‍लाइंट्स को बचाने के लिए निर्भया की छवि खराब की क्‍या जरूरत थी. इस पर उन्‍होंने उलटा सवाल पूछ लिया, 'क्‍या मुझे ये नहीं पूछना चाहिए.

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