
अनुदेशक न्यूज़: मानदेय नहीं मिलने से अनुदेशक शिक्षामित्र हैं परेशान, कैसे मनाएं त्यौहार

महिला अनुदेशकों ने दुखी मन से बताया कि रक्षाबंधन का त्योहार आने वाला है लेकिन अभी तक मानदेय नहीं मिलने से हम अपने भाइयों को राखी कैसे बांध पाएंगे।
अगस्त का महीना बीतने वाला है, लेकिन उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाने वाले अनुदेशक-शिक्षामित्रों का मानदेय अभी तक नहीं मिला है। 9000 का अल्प मानदेय भी नहीं मिलने से अब इन संविदाकर्मियों पर त्योहार मनाने की चुनौती है। नागपंचमी का त्योहार आज है और रक्षाबंधन का आने वाला है लेकिन अभी तक मानदेय नहीं मिलने से अनुदेशक-शिक्षामित्र काफी दुखी और परेशान हैं। रक्षाबंधन के पवित्र त्योहार पर अपनी बहनों को वे क्या गिफ्ट देंगे, इसको लेकर वे अभी से चिंतित दिखाई दे रहे हैं।
मन दुखी और परेशान है: विक्रम सिंह
इस प्रकरण को लेकर अनुदेशक प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह ने कहाकि, "हम इस तानाशाही सरकार के रवैये से काफी दुखी और परेशान हैं। एक तो इतने कम मानदेय में घर का खर्च चलाना मुश्किल है और ऊपर से समय से मानदेय नहीं मिलता। आज इस सरकार की ही देन है की हमारे कई साथी काल के गाल में समा गए। असमय उन्होंने मौत को गले लगा लिया, लेकिन फिर भी इस अंधी गूंगी बहरी सरकार को न तो कुछ दिखाई देता है और न ही कुछ सुनाई। सरकार हमारे इतना खिलाफ है कि हमको मानदेय न देना पड़े, इसके लिए वह सुप्रीम कोर्ट तक चली गई और जब हम सुप्रीम कोर्ट गए तो हमारी लड़ाई को कमजोर करने के लिए अब समय से मानदेय देना बंद कर दी।"
अब हम कैसे मनाएंगे नागपंचमी,रक्षाबंधन का त्योहार: महिला अनुदेशक
कुछ महिला अनुदेशकों ने दुखी मन से बताया कि, "अब हम कैसे अपने भाई के कलाई पर राखी बंधेंगे। जब सरकार हमको समय पर मानदेय ही नहीं देगी तो हम कैसे त्योहार मनाएंगे। उन्होंने सरकार से भावुक अपील की और कहाकि,'अगर आप हमको हमारा 17000 नहीं दे सकते तो कम से कम समय से 9000 का मानदेय तो दे दीजिए।"