कानपुर

कानपुर किडनैपिंग- मर्डर केस में बड़ी कार्रवाई, सीओ समेत 11 पुलिसकर्मी निलंबित

Arun Mishra
24 July 2020 9:47 AM GMT
कानपुर किडनैपिंग- मर्डर केस में बड़ी कार्रवाई, सीओ समेत 11 पुलिसकर्मी निलंबित
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कानपुर लैब टेक्निशन मर्डर केस में अब तक 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।

कानपुर : कानपुर में लैब टेक्निशन संजीत यादव हत्या मामले में उठ रहे तमाम सवालों के बीच पुलिस विभाग में ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। अब इस मामले में 7 और पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है। इससे पहले सीओ मनोज गुप्ता और एएसपी अपर्णा गुप्ता समेत 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था। थाना प्रभारी रणजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को भी सस्पेंड किया जा चुका है। यानी अब कुल 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। इस मामले में अब तक 5 आरोपी पकड़े जा चुके हैं।



अब इस केस में एडीजी बीपी जोगदंड को जांच सौंपी गई है। यह पता किया जाएगा कि पीड़ित परिवार ने फिरौती दी थी या नहीं। कानपुर अपहरण कांड में लैब टेक्निशन की मौत के बाद पुलिस ने कई खुलासे किए। पुलिस ने बताया कि संजीत की हत्या की साजिश रचने वाला उसका दोस्त ही था जो उसके साथ लैब में काम करता था। दरअसल पुलिस ने संजीत यादव केस में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन्होंने पूछताछ में पुलिस को बताया कि संजीत की हत्या 26-27 जून की रात में कर दी गई थी। आरोपियों ने बताया कि उन्हें फिरौती की रकम नहीं मिली थी।

पांडु नदी में संजीत के शव की तलाश जारी

वहीं पांडु नदी में संजीत के शव की तलाश की जा रही है लेकिन अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि उन्होंने संजीत की हत्या करके शव को पांडु नदी में फेंक दिया था।

दोस्तों ने पैसों के लिए रची थी साजिश

पुलिस ने बताया कि दोस्तों ने ही मिलकर संजीत यादव के अपहरण और हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने ज्ञानेंद्र यादव नाम के शख्स को मुख्य आरोपी बताया जो संजीत के साथ लैब में काम करता था। पुलिस ने बताया कि पैसों के लिए संजीत के दोस्तों ने उसका अपहरण किया था। आरोपियों ने वारदात के लिए किराये के कमरे का इस्तेमाल किया। संजीत को अगवा करके वहीं रखा गया था।

साजिश में दो महिलाएं भी शामिल

पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि इस पूरे मामले में दो महिलाएं भी शामिल थीं। इनमें से एक महिला को गिरफ्तार किया गया है जबकि दूसरी की तलाश जारी है। पुलिस ने जिन 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया, उनके नाम ज्ञानेंद्र यादव, कुलदीप गोस्वामी, रामजी शुक्ला, नीलू सिंह और प्रीति शर्मा हैं।

परिवार के किडनैपर्स को 30 लाख रुपये की फिरौती देने के आरोप में आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा, 'पीड़ित के रिश्तेदारों का दावा है कि किडनैपर्स को 30 लाख रुपये की फिरौती दी गई। लेकिन अभी तक की जांच में हमें पता चला है कि आरोपियों को फिरौती की रकम नहीं मिली। हम सारे पहलुओं से केस की जांच कर रहे हैं।'

'आरोपियों ने फिरौती मिलने की बात नहीं स्वीकारी'

आईजी ने बताया, 'अभी तक हम परिवार के आरोपों के आधार पर ही केस को देख रहे थे लेकिन जो 5 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं उन्होंने पूछताछ में फिरौती मिलने की बात नहीं स्वीकारी है। परिवार वाले कह रहे हैं कि पैसे दिया गया.. ऐसे में यदि पैसा दिया गया है तो उसकी भी जांच होगी।'

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